China leading us in technology race: चीन इस समय फ्यूचर टेक्नोलोजी (Future Technology) की रेस में दुनिया में सबसे आगे चल रहा है. चीनी वैज्ञानिक आर्टिफिशियल सूरज बनाने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), डिफेंस, रोबोटिक्स और जैसे क्षेत्रों में भी अपना झंडा गाड़ चुके हैं. इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि तकनीक की खोज के मामले में अमेरिका (US) अब काफी पिछड़ गया है. रोबोटिक्स हो या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, चीन बाजी मार चुका है. इसी रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकि दुनिया की नई-नई खोजों के मामले में बीजिंग अब संभावित रूप से कुछ क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर रहा है. 


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अमेरिका को सता रही चिंता


हैरानी की बात ये है कि इस रिपोर्ट से दुनिया के कई देश इत्तेफाक रखते हैं, जिन्हें डर है कि कहीं दुनिया में चीन की बादशाहत न कायम हो जाए. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पिछले राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा था कि अमेरिका, नवाचार में निवेश कर रहा है, जो समय की मांग के हिसाब से जरूरी है, क्योंकि चीन की सरकार तकनीकि के क्षेत्र में हम पर हावी होने का इरादा रखती है. 


37 क्षेत्रों में चीन का पलड़ा  भारी


विदेशी थिंकटैंक द ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक आज टेक्नोलोजी, डिफेंस, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) जैसे क्षेत्रों में चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर मीलों आगे निकल गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक लंबे ट्रैक रिकॉर्ड को ट्रेस करने के बाद पता चला है कि कुल 44 तकनीकों में से 37 में चीन सबसे आगे है. इसके अलावा थिंकटैंक ने ये भी कहा कि चीन उनके हिसाब से 8 तकनीकों में एकाधिकार स्थापित करने के लिए कमर कस चुका था. जिसमें नैनोस्केल सामग्री और विनिर्माण, बिजली बनाने के लिए हाइड्रोजन और सिंथेटिक बॉयोलाजी पर भी उनका जोर था.


10 में से Top 7 रिसर्च  इंस्टीट्यूट चीन में


इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बैटरी, हाइपरसोनिक्स और 5G और 6G जैसे उन्नत रेडियो फ्रीक्वेंसी संचार तकनीक शामिल है.  “महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी ट्रैकर से ये भी पता चलता है कि, कुछ खास तकनीकों के लिए, दुनिया के Top 10  शोध संस्थान यानी प्रमुख रिसर्च सेंटर में से 7 चीन में स्थित हैं. जहां अमेरिका की तुलना में नौ गुना अधिक उच्च प्रभाव वाले शोध पत्र तैयार कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 और 2022 में परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलों में चीन की प्रगति अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के लिए आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए.


अमेरिका बस इन चीजों में आगे


'गार्जियन' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका अब बस क्वांटम कंप्यूटिंग, टीके और स्पेस लॉन्च सिस्टम जैसी बाकी 7 तकनीकों में आगे है. थिंकटैंक ने ये भी बताया है कि ये नतीजे कुछ महत्वपूर्ण और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में हाई इम्पैक्ट रिसर्च पर आधारित थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने खुद को दुनिया की अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण किया है, जो कि महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान में कभी कभी आश्चर्यजनक रूप से ग्लोबल लीडर होने का ऐलान कर सकता है. 
 
शी जिनपिंग का विजन- नंबर 1 या नंबर 2 हुआ चीन


'गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज ट्रैकर में शामिल 44 तकनीकों में से अधिकांश में चीन पहले या दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट में कई देशों के खुफिया अलर्ट को ध्यान में रखते हुए ये भी कहा गया है कि हम ये भी देख रहे हैं कि टैलेंट और ब्रेन ड्रेन की मदद से चीन के प्रयासों को बल मिल रहा है. चीन का नेतृत्व सालों पहले तकनीकि खोज को लेकर अपनी लॉन्ग टर्म पॉलिसी पर फोकस कर चुका था जैसा कि शी जिनपिंग और उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति चाहते थे.


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