India Russia Oil Yuan: भारत द्वारा रूस से तेल सौदे के लिए चीन की मुद्रा युआन के जरिये पेमेंट का मामला गहराता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ भारतीय रिफाइनरों द्वारा चीनी युआन के इस्तेमाल से रूसी कच्चे तेल के आयात के लिए भुगतान किया जा रहा है. इस दावे में कितनी सच्चाई है? इसकी हकीकत जानने के लिए लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है. आइये आपको बताते हैं इस पूरे मसले पर अभी तक का अपडेट.


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बता दें कि पिछले एक साल में भारत का रूस के साथ तेल व्यापार घटा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि लगातार प्रयासों के बावजूद रूसी तेल आयात के लिए रुपया-आधारित निपटान तंत्र पर काम किया जाना अभी बाकी है. इसलिए चीनी मुद्रा के इस्तेमाल को एक विश्वसनीय लेकिन अस्थायी उपाय के रूप में देखा जा रहा है.


विशेषज्ञों का भी मानना ​​है कि सस्ते पेट्रोलियम आयात को सुरक्षित करने के लिए तत्काल आर्थिक जरूरतों को पूरा करना राजनीतिक दबाव से अधिक है. यह केवल एक बार का या अस्थायी कदम है जब तक कि रूस और भारत के बीच अधिक पारस्परिक रूप से सहमत भुगतान तंत्र पर काम नहीं किया जाता.


रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस पर पश्चिम प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल के लिए डॉलर में पेमेंट करना भारत के लिए मुश्किल  हो गया था. जिसके बाद भारत को डॉलर का विकल्‍प तैयार करना पड़ा. इस मुश्किल को आसान करने के लिए भारत ने युआन में पेमेंट की. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया रूस से तेल सौदे के लिए भारत सिर्फ 10 फीसदी पेमेंट ही युआन में कर रहा है. यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि इस पूरे मसले पर विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.