पाकिस्तान के बीते दिनों गिलगित में विरोध-प्रदर्शन के दौरान मशहूर सुन्नी मौलवी की अपमानजनक टिप्पणी के बाद शिया समुदाय आगबबूला हो गया था. कुछ ही घंटों में शिया समुदाय के लोगों ने गिलगित और आसपास के इलाकों में भारी-विरोध प्रदर्शन किया था.  इसके बाद क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मौलवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. 


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डॉन अखबार के अनुसार, दोनों तरफ से अपमानजनक टिप्पणी के कारण अधिकारी एक हफ्ते से तनावपूर्ण स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान क्षेत्र में अगले आदेश तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है.


दोनों मौलवियों के खिलाफ FIR


अखबार के मुताबिक, गिलगित के पुलिस थाने में सुन्नी मौलवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि अन्य एफआईआर स्कर्दू में मशहूर शिया मौलवी के खिलाफ दर्ज की गई है. इस बीच, ब्रिटेन ने शनिवार को कनाडा और अमेरिका की तरह अपने नागरिकों को उत्तरी क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है. 


जबकि पाकिस्तान के अंतरिम सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने रविवार को कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान में स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है.  मंत्री का यह बयान इस क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव के कारण अधिकारियों के मजबूर होकर अगले आदेश तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के बीच आया है. 


क्षेत्र के गृह विभाग की तरफ से जारी बयान के हवाले से सोलांगी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'गिलगित-बालटिस्तान में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और पाकिस्तानी सेना की तैनाती को लेकर मीडिया में प्रसारित हो रही खबरें निराधार हैं.' उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सभी सड़कें, व्यवसायिक केंद्र, व्यापारिक गतिविधियां और शिक्षण संस्थान पहले की तरह खुले हुए हैं. 


सुन्नी-शिया की दुश्मनी का इतिहास पुराना


इस क्षेत्र में सुन्नी और शिया मुस्लिमों के बीच दुश्मनी का पुराना इतिहास रहा है. मंत्री ने बताया कि चेहल्लुम या अरबईन की पूर्व संध्या पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी सेना और असैन्य सशस्त्र बलों की सेवाएं मांगी गई हैं. चेहल्लुम, इराक के करबला में हुई लड़ाई में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत के 40वें दिन होता है. उन्होंने कहा कि पहले की परंपरा को देखते हुए जुलूस के रास्तों और इमामबाड़ों की सुरक्षा के लिए खास उपाय किए गए हैं, जिसमें कानून और व्यवस्था बनाए रखने, जीवन की रक्षा करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई है.


(इनपुट-पीटीआई)