Pakistan-Afghanistan Border: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते इन दोनों खासे तनावपूर्ण चल रह हैं.  तालिबान ने इस्लामाबाद के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि देश में हाल ही में हुए आत्मघाती बम विस्फोटों में अफगान शरणार्थी शामिल थे. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा कि इन हमलों में अफगान शरणार्थी शामिल नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामाबाद अफगान शरणार्थियों को कई तरह से परेशान करना चाहता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि, पाकिस्तान के अंतरिम आंतरिक मंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि इस साल देश में हुए 24 आत्मघाती बम विस्फोटों में से 14 में अफगान शामिल हैं.


दोनों देशों के संबंधों पर पड़ता असर
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से ऐसी सी टिप्पणियों से तालिबान के साथ उनके संबंधों पर असर पड़ेगा. एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक सादिक अमीनज़ॉय ने कहा, 'जब आप 40 मिलियन लोगों के प्रति शत्रुता दर्शाते हैं, तो मुझे लगता है कि यह गैर-जिम्मेदाराना और पड़ोसी और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विपरीत है.'


अफगान सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने का आरोप
पाकिस्तान स्थित द डॉन की खबर के मुताबिक बुधवार को, सेना की मीडिया विंग - आईएसपीआर - ने कहा, 'अफगान सुरक्षा बलों ने चमन सीमा पार कर रहे पैदल यात्रियों पर 'अकारण और अंधाधुंध' गोलीबारी की और एक बच्चे सहित दो पाकिस्तानी नागरिकों को शहीद कर दिया.'


इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया, 'इस तरह के गैरजिम्मेदार और लापरवाह कृत्य का कारण जानने, अपराधी को पकड़ने और पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपने के लिए अफगान अधिकारियों से संपर्क किया गया है.'


इसमें कहा गया है कि तालिबान से अपेक्षा की जाती है कि वह 'भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए अपने सैनिकों पर नियंत्रण रखे और जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए अनुशासन प्रदान करे.'


पिछले साल भी हुई थी ऐसी ही घटना
2022 में, चमन सीमा पर अफगान सीमा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में छह लोग मारे गए और 17 अन्य घायल हो गए. इस घटना की तत्कालीन सरकार, विदेश कार्यालय और राजनयिकों द्वारा व्यापक रूप से निंदा की गई थी.


(इनपुट - ANI)