नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान (Pakistan) के बदतर आर्थिक हालात के बीच आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) ने पाकिस्तान के प्रमुख कारोबारियों से एक गुप्त मुलाकात की है. रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख और कारोबारियों के बीच हुई ये तीसरी मीटिंग थी. जनरल बाजवा ने पाकिस्तानी कारोबारियों से कहा कि वो अर्थव्यवस्था सुधारने के उपाय बताएं और ज्यादा निवेश करें. कारोबारियों के सुझावों को तत्काल प्रभाव से संबंधित अधिकारियों और मंत्रालयों तक पहुंचाया गया और सेना द्वारा इन पर अमल के आदेश भी दिए गए. इस मीटिंग की अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया में चर्चा इसलिए हो रही है क्‍योंकि ऐसा आमतौर पर देखने को नहीं मिलता कि किसी देश का सेना प्रमुख कारोबारियों के साथ इस तरह की मीटिंग करे. लेकिन पाकिस्‍तानी मीडिया और अवाम के लिए ये आम बात है. अब सवाल उठता है कि ऐसा क्‍यों?


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 पाकिस्तान में सेना ही देश चलाती है और देश की बड़ी बड़ी Industries भी सेना द्वारा ही संचालित की जाती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में पाकिस्तान में सेना के पास 1 लाख 42 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार था. और तीन साल बाद यानी वर्ष 2019 में पाकिस्तानी सेना का क़ारोबार, 7 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का हो चुका है. पाकिस्तान की सेना, पाकिस्तान में 50 से ज़्यादा Projects खुद चलाती है. पाकिस्तान की सेना ने अलग-अलग Projects चलाने के लिए 5 Foundations बनाएं हैं. जिनके नाम हैं, फौजी फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन, बहरिया फाउंडेशन, Army Welfare Trust और Defence Housing Authorities. इन सभी संस्थाओं की कमान पाकिस्तान के सैन्य अफसरों के हाथ में होती है और ये सारे अफसर इन संस्थाओं से खूब पैसा कमाते हैं.


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एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान की कुल ज़मीन का 12 प्रतिशत सेना के पास है. पाकिस्तान में सैन्य अफसरों को कौड़ियों के भाव ज़मीनें दे दी जाती हैं. इन ज़मीनों को वहां के सैन्य अफसर बाजार दरों पर बेचकर करोड़ों रुपये कमाते हैं. पाकिस्तान में सेना कई कंपनियां चलाती है, जिनके ऊंचे पदों पर पाकिस्तानी सेना के ही रिटायर्ड अधिकारी काबिज़ हैं. पाकिस्तान की सेना CornFlakes, अनाज, आटा, शहद, चॉकलेट और कस्टर्ड पाउडर तक बनाती है. और आपको ये भी बता दें कि भारत से कश्मीर छीनने का दावा करने वाली पाकिस्तानी सेना Readymade खीर भी बनाती है.


पाकिस्तान की सेना Employment Exchange भी चलाती है और सीमेंट भी बेचती है. पाकिस्तान की कई बड़ी पेट्रोलियम कंपनियों की मालिक भी वहां की सेना ही है. इतना ही नहीं पाकिस्तान की सेना Askari Bank के नाम से एक प्राइवेट बैंक भी चलाती है और ये बैंक पाकिस्तान के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक है. यानी पाकिस्तान में सेना का अपना खुद का एक पूरा सिस्टम है और वहां पर प्रधानमंत्री चाहे कोई भी हो सत्ता की चाबी सेना के पास ही रहती है.