इस्लामाबाद. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) ने सजा पूरी कर कर चुके भारतीयों को भी कैद रखने पर पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) को फटकार लगाई है. पाकिस्तान ने इन भारतीय नागरिकों को आतंकवाद और जासूसी के झूठे मामलों में कैद कर रखा है. इस्लामाबाद कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को इन्हें तत्काल रिहा करने और भारत वापस भेजने का आदेश दिया है.


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8 भारतीयों की याचिका पर सुनवाई
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने ये आदेश आठ भारतीय नागरिकों द्वारा उनकी रिहाई के लिए दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया. चीफ जस्टिस अतर मिनल्लाह की अदालत के समक्ष आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश की है. पाकिस्तान के डिप्टी अटॉर्नी जनरल सैय्यद मुहम्मद तैय्यब शाह ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि 26 अक्तूबर 2020 को पांच भारतीयों को सजा पूरी करने के बाद रिहा किया गया है.


अगली सुनवाई 5 नवंबर को
वहीं भारतीय उच्चायोग की तरफ से अदालत को बताया गया कि भारतीय नागरिकों में से एक अपनी सजा पूरी करने के बावजूद वापस नहीं जाना चाहता, उसे डिपोर्ट किया गया है. वहीं तीन नागरिकों को सजा सुनाए जाने के बावजूद कैद रखा गया है. कोर्ट ने इसीके बाद सरकार को फटकार लगाई. जस्टिस मिनल्लाह ने बेहत तल्ख अंदाज में कहा, ‘जब इनकी सजा पूरी हो चुकी है तो आप कैद कैसे रख सकते हैं?’ मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.

(Input: PTI)


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