Mumtaz Zahra Baloch Pakistan: इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय (FO) ने कहा कि संयुक्त बयान में किया गया पाकिस्तान-विशिष्ट संदर्भ राजनयिक मानदंडों के विपरीत था और इसमें राजनीतिक निहितार्थ थे. एफओ की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक बयान में कहा कि हम 22 जून को जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान-विशिष्ट संदर्भ को अनुचित, एकतरफा और भ्रामक मानते हैं. यह संदर्भ राजनयिक मानदंडों के विपरीत है और इसमें राजनीतिक निहितार्थ हैं. हमें आश्चर्य है कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग में करीबी होने के बावजूद इसे जोड़ा गया है.


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बौखलाया पाकिस्तान- दिया ऐसा बयान


उन्होंने बाइडेन प्रशासन को आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में दिए गए बलिदानों के बारे में भी याद दिलाया और कैसे उसे अपने प्रयासों के लिए वैश्विक और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली. प्रवक्ता ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के प्रयासों और बलिदानों को बार-बार मान्यता दी है. यह लंबे समय से निष्कर्ष निकाला है कि आतंकवाद को ठोस और मिलकर की गई कार्रवाई के माध्यम से हराया जा सकता है. आज, हम यह समझने में विफल हैं कि संयुक्त बयान में किए गए दावे कैसे आतंकवाद से लड़ने के अंतर्राष्ट्रीय संकल्प को मजबूती प्रदान कर सकते हैं.


पाकिस्तान का भारत पर आरोप


कंगाल पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीरी लोगों के क्रूर दमन और अपने अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार से ध्यान हटाने के लिए आदतन आतंकवाद का सहारा लेता है. इस प्रकार पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई पर किसी भी तरह का आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है.


पाकिस्तान ने जताई गंभीर आपत्ति


पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा भारत को उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर भी गंभीर आपत्ति जताई और ऐसे कदमों को क्षेत्र में सैन्य असंतुलन को बढ़ावा देने और रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करने वाला बताया. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी संयुक्त बयान की आलोचना करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन से पाकिस्तान पर कोई भी रुख जारी करने से पहले तथ्यों को ध्यान में रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में असफल अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण पाकिस्तान ने अनगिनत लोगों की जान गंवाई है और दशकों से लगातार आतंकवाद से युद्ध कर रहा है.


(इनपुट: एजेंसी)