Pakistan News: पाकिस्तान में कार्यवाहक पीएम के लिए सत्ता और विपक्ष में नहीं बन पा रही सहमति, अब राष्ट्रपति ने किया हस्तक्षेप
Pakistan Latest News: पाकिस्तान में आम चुनाव करवाने के लिए नेशनल असेंबली 9 अगस्त को भंग हो चुकी है लेकिन अब तक कार्यवाहक पीएम के लिए सरकार और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई है. अब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है.
Process of Electing a New Caretaker PM Start: पाकिस्तान में नेशनल असेंबली भंग होने के साथ ही आम चुनाव की रणभेरी भी बज चुकी है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार को निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से संपर्क किया. दोनों नेताओं से चुनाव प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए शनिवार तक एक नाम प्रस्तावित करने को कहा. यह नाम आने के बाद पूरा संसदीय चुनाव उसी के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जाएगा.
6 नामों पर चल रही चर्चा
बताते चलें कि निवर्तमान पीएम शहबाज शरीफ ने 9 अगस्त को नेशनल असेंबली भंग होने की घोषणा की थी. इसके साथ ही सरकार और विपक्षी दलों के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया गया. ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को बैठक में 6 नामों पर चर्चा हुई. हालांकि उनमें से कोई भी एक नाम फाइनल नहीं किया जा सका.
राष्ट्रपति अल्वी ने लिखा पत्र
इसके बाद शुक्रवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) ने शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और राजा रियाज को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा. दोनों नेताओं को लिखे पत्र में अल्वी ने याद दिलाया कि उन्होंने 9 अगस्त को प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. पत्र में कहा गया है, ‘संविधान के अनुच्छेद 224(1ए) के प्रावधान के तहत, निवर्तमान प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय असेंबली में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष के परामर्श से राष्ट्रपति कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं.'
12 अगस्त तक नाम कर दें फाइनल
राष्ट्रपति अल्वी (Arif Alvi) ने अपने पत्र में कहा, 'संसद का निचले सदन के भंग होने के तीन दिनों के भीतर दोनों पक्षों को कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए नाम प्रस्तावित करना आवश्यक होता है.' राष्ट्रपति ने शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम 12 अगस्त से पहले प्रस्तावित करने का निर्देश दिया. जिससे तय समय पर इलेक्शन का प्रोसेस आगे बढ़ सके.
सहमति नहीं बनी तो क्या होगा?
सूत्रों के मुताबिक अगर दोनों नेता किसी एक नाम पर सहमत नहीं होते हैं तो मामला संसदीय समिति को भेज दिया जाएगा. अगर उस समिति के सदस्य भी कोई निर्णय लेने में विफल रहते हैं तो फिर उसे पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) को फॉरवर्ड कर दिया जाएगा. इसके बाद चुनाव आयोग उसे भेजे गए नामों की सूची में कोई एक नाम फाइनल करके घोषणा कर देगा. इस काम को करने के लिए आयोग को 2 दिनों का वक्त मिलता है.
(एजेंसी भाषा)