Political Instability in Pakistan: पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ राजनीतिक उठापटक का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को जमानत मिलने के बाद शहबाज सरकार में शामिल दल बिफर उठे हैं. सरकार में शामिल मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरना शुरू करने की घोषणा की है. फजलुर रहमान ने कहा कि इमरान खान को न्यायिक समर्थन देने के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता सोमवार को अपना विरोध दर्ज करवाएंगे. 


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सोमवार से धरना शुरू करेंगे फजलुर रहमान


फजलुर रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने शुक्रवार को कहा, ‘आज हमने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के इस रवैये का विरोध किया जायेगा. मैं PDM नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हुए अपील करता हूं कि पूरे देश के लोगों को सोमवार को इस्लामाबाद के लिए रवाना होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के सामने सोमवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा.’ 


सुप्रीम कोर्ट के बाहर करेंगे प्रदर्शन


रहमान (Maulana Fazlur Rehman) ने इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानून का मखौल उड़ा रहे एक व्यक्ति के प्रति समर्थन दिखा रही है. उन्होंने पूछा, ‘सेना प्रमुख के मुख्यालय पर हमला किया गया. कोर कमांडर के घर पर हमला किया गया है. जिस तरह से देश के रक्षा संस्थानों का अपमान किया जा रहा है, अदालत उनकी सुरक्षा के लिए कुछ करेगी या नहीं.’


कोर्ट ने गुरुवार को दी इमरान को जमानत


बता दें कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए गुरुवार को जमानत दे दी थी और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था. इमरान खान (70) को मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया गया था. अरेस्टिंग के बाद उन्हें जवाबदेही अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में 8 दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद इमरान समर्थकों ने पूरे देश में बवाल शुरू करते हुए सरकार और सेना की इमारतों में आग लगा दी थी. 


इमरान की इस मांग से सरकार खफा


पाकिस्तान में चल रही इस उठापटक की मुख्य वजह इमरान खान (Imran Khan) की तुरंत संसदीय चुनाव करवाने की मांग है. इमरान खान की मांग है कि सरकार आम चुनाव की घोषणाा कर तुरंत इलेक्शन करवाएं. वहीं शहबाज शरीफ और सेना चाहती है कि ये चुनाव इस साल के अंत तक टल जाएं लेकिन इमरान खान मानने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सेना और शरीफ सरकार मिलकर इमरान खान को हर हाल में जेल में डालने पर तुली हुई है. 


मौके की ताक में हैं ये राजनेता


पाकिस्तान की इस राजनीतिक अस्थिरता में कई ऐसे बड़े खिलाड़ी हैं, जो हालात पर नजर रख रहे हैं और फायदा उठाने के मौके ढूंढ रहे हैं. इनमें से पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़री भुट्टों के बेटे बिलावल भुट्टो हैं. वे उस मौके की तलाश में हैं, जब शहबाज शरीफ अलोकप्रिय हो जाएं और इमरान खान (Imran Khan) जेल से बाहर न आ सकें. ऐसे में वे पाकिस्तान की सत्ता के शिखर पर बैठ सकें.


पाकिस्तानके पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ऐसे ही दूसरे खिलाड़ी हैं. विदेशी धरती पर बैठकर वे पाकिस्तान में हो रहे इस गेम पर नजर बनाए हुए हैं. उन्हें भी लगता है कि एक बार फिर मौका मिले तो वो लंदन से पाकिस्तान आएं और अपनी ताकत का अहसास विपक्षियों को कराएं.


शाह महमूद कुरैशी हैं छुपे खिलाड़ी


इस खेल में एक खिलाड़ी की एंट्री और हुई है. नाम है शाह महमूद कुरैशी. उनकी सोच है कि इमरान खान (Imran Khan) को अगर कोई नुकसान होता है तो ऐसी सूरत में PTI का सबसे मजबूत चेहरा वही हो सकते हैं. जाहिर है उनकी नजर भी इसी सिंहासन पर लगी हुई हैं.


क्या इमरान फिर बनेगें पीएम?


पाकिस्तान में इस वक्त जो भी खेल चल रहा है, उसके नंबर वन खिलाड़ी इमरान खान (Imran Khan) हैं. क्रिकेट में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिताने वाले इमरान खान एक बार फिर सत्ता के सिंहासन के सबसे मज़बूत दावेदार हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है पाकिस्तान की जनता का साथ और सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस उमर अता बंदियाल का समर्थन. उनकी सास महजबीन नून खुद भी इमरान की पार्टी की नेता हैं. यही नहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी को भी इमरान समर्थक माना जाता है.