इस्लामाबाद: आतंकवाद का पनाहगार पाकिस्तान (Pakistan) लगातार  तालिबान (Taliban) को मदद पहुंचाने का काम कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे लेकर झूठ बोलने में पीछे नहीं है. अब उसके देश में ही ऐसा कुछ हुआ है जिसने पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सबके सामने ला दिया है. पाकिस्तानी मीडिया में छपी खबरों के मुताबकि पाकिस्तान ने तालिबान सरकार को मदद करने की बात कबूली है. इतना ही नहीं पाकिस्तान को इस बात का दुख भी है कि तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता न मिलने के कारण वह अफगानिस्तान को तकनीकी, वित्तीय और विशेषज्ञ सहयोग नहीं दे पा रहा है. 


ऐसे कुछ पाकिस्तान की पोल


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डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, मंगलवार को आर्थिक मामलों के मंत्री उमर अय्यूब खान (Umar Ayub Khan) की अध्यक्षता वाली एक बैठक में तालीबान सरकार को सहयोग देने के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया गया. यह बैठक उन खबरों के बीच हुई कि अफगानिस्तान गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहा है. 


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तालिबान को ऐसे मदद पहुंचा रहा पाक


पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ आर्थिक सहयोग पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई. बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्री सैयद फखर इमाम, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुईद यूसुफ, पाकिस्तान स्टेट बैंक के गवर्नर डॉ. रजा बाकिर, जल एवं बिजली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मुजम्मिल हुसैन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.


PAK को तालिबान की चिंता


अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि बैठक में कहा गया कि तालिबान सरकार के लिए बड़ी चुनौती अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के तुरंत बाद बड़ी संख्या में तकनीकी और वित्तीय विशेषज्ञों के देश छोड़कर चले जाने से खाली हुए पदों को भरने की है.


प्रमुख संस्थानों खासतौर से तकनीकी और वित्तीय संस्थानों में विशेषज्ञों की कमी से बिजली, मेडिकल और वित्तीय सुविधाएं जैसी आवश्यक सेवाओं का सुचारू रूप से संचालन नहीं हो पा रहा है.


अय्यूब ने कहा, ‘अफगान लोगों की जिंदगियों और आजीविकाओं को बचाने के लिए मानवीय आधार पर तत्काल तकनीकी और वित्तीय समर्थन की आवश्यकता है.’ इमाम ने कहा कि 1.4 करोड़ अफगान लोगों के भोजन के गंभीर संकट का सामना करने की खबरें चिंताजनक हैं.