Pakistan Latest Updates: पाकिस्तान में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से आर्मी से जुड़े विधेयक बिना हस्ताक्षर के लौटाए जाने के बाद संवैधानिक संकट गहराता जा रहा है. अब खबर आई है कि पाकिस्तान के शीर्ष निर्वाचन अधिकारी ने देश में आम चुनाव की तारीख तय करने के लिए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया. निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बदले कानून के बाद मतदान की तारीख तय करने में राष्ट्र प्रमुख की कोई भूमिका नहीं है और ऐसे में चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. 


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चुनाव की तारीख तय करने लिए किया था आमंत्रित


राष्ट्रपति ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा को पत्र लिखकर आम चुनावों के लिए उचित तारीख तय करने के लिए आज या कल मिलने के लिए आमंत्रित किया था. अल्वी  (Arif Alvi) ने राष्ट्रपति के लिए नेशनल असेंबली के विघटन के 90 दिनों के भीतर आम चुनाव की तारीख तय करने की संवैधानिक आवश्यकता का हवाला दिया. नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया गया था, जिससे पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) के लिए उस तारीख के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य हो गया है. 


पाकिस्तान चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को दिखाया ठेंगा


ECP हालांकि नई जनगणना की वजह से चुनाव में देरी करने को तैयार है, जो एक संवैधानिक जरूरत है. रजा ने पाकिस्तान चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ परामर्श के बाद राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उन्हें याद दिलाया कि बदले कानूनों के तहत, चुनाव की तारीख निर्धारित करने में अल्वी  (Arif Alvi) की कोई भूमिका नहीं है और बैठक करने का कोई मतलब नहीं है. 


इलेक्शन डेट तय करने मे राष्ट्र प्रमुख की भूमिका नहीं


रजा ने लिखा, 'यह बताना अनिवार्य है कि चुनाव अधिनियम की धारा 57 को 26 जून को संसद द्वारा संशोधित किया गया था, जिससे ईसीपी को आम चुनावों की तारीख या तारीखों की घोषणा करने का अधिकार मिल गया.' उन्होंने कहा कि ईसीपी देश में आम चुनाव कराने की अपनी जिम्मेदारी बहुत गंभीरता से ले रहा है और प्रमुख राजनीतिक दलों को चुनाव पर अपने विचार देने के लिए भी आमंत्रित किया है.


बेइज्जती से आहत राष्ट्रपति ने मांगी कानूनी सलाह


पत्र से स्पष्ट रूप से आहत अल्वी  (Arif Alvi) ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और कहा कि उन्होंने ECP प्रमुख के पत्र पर कानून मंत्रालय से सलाह मांगी थी. उनके सरकारी ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर जारी एक बयान में कहा गया, 'राष्ट्रपति ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के रुख पर सलाह मांगी है कि चुनाव की तारीख तय करने का अधिकार केवल उसके पास है.' अल्वी (74) राष्ट्रपति पद संभालने से पहले जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे.  


(एजेंसी भाषा)