Pakistan: कट्टरपंथियों ने मचाया कोहराम, इस समुदाय के कब्रों को किया अपवित्र; लोगों में भारी रोष
Ahmadi Community: पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने अहमदी समुदाय की कब्रों को अपवित्र कर दिया. इससे समुदाय में भारी रोष है. उन्होंने सरकार ने आरोपियों खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
Ahmadi Community Graves Desecrated: पाकिस्तान में कट्टरपंथियों का आतंक दिनो-दिन बढ़ते जा रहा है. वहां इन लोगों ने निवासियों का जीना मुहाल कर रखा है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदी समुदाय की 16 कब्रों को धार्मिक चरमपंथियों ने इस्लामिक प्रतीकों के इस्तेमाल के लिए अपवित्र कर दिया. अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
फैसलाबाद में हुई घटना
जमात अहमदिया पंजाब के प्रवक्ता आमिर महमूद के अनुसार, अज्ञात लोगों ने लाहौर से लगभग 150 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के चक 203 आरबी मनावाला में एक दीवार वाले सांप्रदायिक कब्रिस्तान में अहमदियों की 16 कब्रों को अपवित्र कर दिया. बता दें कि समुदाय के कब्रिस्तान में कई कब्रों के मकबरे पर इस्लामी छंद खुदे हुए हैं.
75 साल पुराना कब्रिस्तान
महमूद ने कहा कि यह कब्रिस्तान 75 साल पुराना है और इससे पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के मुस्लिम मौलवी अहमदियों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप धार्मिक चरमपंथियों के हाथों उनकी कब्रों को अपवित्र किया गया है.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटना
उन्होंने कहा कि इस वारदात के बहाद शोक संतप्त परिवारों में भारी दुख है, जो न्याय के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं. यह घटना न केवल अवैध है, बल्कि स्पष्ट रूप से सभी मानवीय मूल्यों के खिलाफ है. बता दें कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें अतीत में अहमदी समुदाय के सदस्यों की कब्रों को धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा अपवित्र किया गया है.
इस साल 185 कब्रों को किया गया अपवित्र
महमूद ने कहा कि इस साल कुल 185 अहमदी कब्रों को अपवित्र किया गया है. यह निरंतर उत्पीड़न और अहमदी समुदाय के अधिकारों की पूर्ण अवहेलना की गवाही देता है और अल्पसंख्यक लोगों में गहरी असुरक्षा की भावना पैदा करता है. उन्होंने सरकार से इस हमले को रोकने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
अहमदी समुदाय गैर-मुस्लिम घोषित
बता दें कि 1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. एक दशक बाद, उन्हें खुद को मुस्लिम कहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उन पर उपदेश देने और तीर्थयात्रा के लिए सऊदी अरब की यात्रा करने पर भी प्रतिबंध है.
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