भारत-अमेरिका संयुक्त बयान पर बैखालाया पाकिस्तान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उगला जहर
India-US Relations: इससे पहले पूर्व पीएम और पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने भारत यूएस संयुक्त बयान को लेकर पाकिस्तान सरकार की ओलचना की थी.
पीएम मोदी को अमेरिका में मिले जबरदस्त समर्थन और भारत-यूएस रिश्ते के गहरे होने से पाकिस्तान बौखला गया है. इसी बौखलाहट में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पीएम मोदी पर एक अपमानजनक टिप्पणी कर दी है. ख्वाजा आसिफ की यह टिप्पणी भारत-यूएस के उस संयुक्त बयान की प्रतिक्रिया में आई है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी जमीन को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न होने दे.
आसिफ ने इस भारत-यूएस संयुक्त बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'यह बयान उस व्यक्ति की यात्रा के दौरान आया है, जिस पर कभी अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.'
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान का हुआ है. उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में असफल अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण, पाकिस्तान ने अनगिनत लोगों की जान गंवाई, और दशकों से लगातार आतंकवाद से लड़ रहा है.' रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को यह फैक्ट याद रखना चाहिए.
इमरान खान ने पाक सरकार की आलोचना
इससे पहले पूर्व पीएम और पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की मौजूदा गठबंधन सरकार और पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की उनके फर्जी दावों तथा अमेरिका की अनगिनत यात्राओं के लिए आलोचना की.
खान ने शुक्रवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'हम पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और पीडीएम से यह सवाल पूछना चाहते हैं कि सरकार में एक साल रहने और पाकिस्तान के विदेश मंत्री की अमेरिका की अनगिनत यात्राओं के बाद, भारत-अमेरिका का संयुक्त बयान पाकिस्तान को भारत में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला बताता है.'
मोदी-बाइडेन की पाकिस्तान से अपील
बता दें पीएम मोदी की यूएस यात्रा के दौरान गुरुवार (22 जून) को हुई बैठकों और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद अपने संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले, और पठानकोट हमले के अपराधियों को दंडित करने की पाकिस्तान से अपील की.
बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद से निपटने में ‘कोई किंतु-परंतु’ नहीं हो सकता है और उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला करते हुए आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.