Indus Water Treaty: सिंधु जल संधि पर भारत के नोटिस से घबराया पाकिस्तान, कही यह बात
India-Pakistan Relations: भारत सरकार ने यह नोटिस जनवरी 2023 में पाकिस्तान को दिया था. भारत ने यह नोटिस पाकिस्तान की ओर से की गई एकतरफा कार्रवाई और सिंधु जल संधि के अनुच्छेद IX के उल्लंघन के तहत जारी किया था.
Pakistan News: पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बुधवार को कहा कि इस्लामाबाद ने सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए बातचीत शुरू करने के लिए भारत के एक पत्र का जवाब दिया है. बता दें भारत ने इस साल की शुरुआत में सिंधु जल संधि (IWT) की समीक्षा और संशोधन की मांग करते हुए पहली बार पाकिस्तान को नोटिस जारी किया था.
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, ‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि पर भारतीय पत्र का जवाब दिया है. पाकिस्तान नेक नीयत से संधि को लागू करने और अपनी जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
'हमारे सिंधु आयुक्त ने अपने भारतीय समकक्ष को पत्र भेजा'
पाकिस्तानी प्रतिक्रिया के विवरण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं मीडिया की अटकलों में कुछ जोड़ना नहीं चाहूंगी. जैसा कि मैंने कहा है, हमने भारत को जवाब दे दिया है. मेरे पास जोड़ने के लिए और कुछ नहीं है.‘ एक अन्य सवाल के जवाब में बलोच ने कहा कि पाकिस्तान ने संचार के प्रासंगिक माध्यम का इस्तेमाल किया, जहां हमारे सिंधु आयुक्त ने अपने भारतीय समकक्ष को पत्र भेजा.
जनवरी 2023 में दिया था नोटिस
भारत सरकार ने यह नोटिस जनवरी 2023 में पाकिस्तान को दिया था. भारत ने यह नोटिस पाकिस्तान की ओर से की गई एकतरफा कार्रवाई और सिंधु जल संधि के अनुच्छेद IX के उल्लंघन के तहत सर्व किया था. नोटिस रिसीव करने के तीन महीने के भीतर पाकिस्तान इस पर आपत्ति दर्ज करा सकता था. 2017 से लेकर 2022 के बीच स्थायी सिंधु आयोग की पांच बैठकों में से पाकिस्तान ने किसी में भी इस पर बात नहीं की. आखिरकार भारत को नोटिस भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा.
बता दें भारत और पाकिस्तान के बीच यह समझौता 1960 में हुआ था. इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों को विभाजित किया गया. विश्व बैंक भी इस संधि में एक हस्ताक्षरकर्ता है.
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