Pakistan Economic Crisis: रमजान में पाकिस्तान की जनता हुई बेहाल, हज के लिए सरकार वसूल रही मोटा पैसा!
Pakistan Latest News: आर्थिक खतरे का सामना कर रहे पाकिस्तान की जनता के आगे एक और बड़ी मुश्किल आ चुकी है. पाकिस्तान सरकार हज के लिए जनता से मोटा पैसा वसूल रही है. पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो पिछले साल के मुकाबले हज के खर्चे में 3.5 लाख (पाकिस्तानी रुपये में) की बढ़ोत्तरी की गई है.
Pakistan Economic Crisis Reason: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान मौजूदा समय में अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. इन दिनों पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता के साथ आर्थिक संकट का भी सामना कर रहा है. पाक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ बताते हैं कि पाकिस्तान में अब तक इतनी बुरी हालत कभी नहीं आई थी. वर्तमान समय में पड़ोसी मुल्क में आटा, चावल, दाल और पेट्रोल-डीजल समेत कई जरूरी सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं. आम दिनचर्या में शामिल सामान भी लोगों की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं. रमजान का महीना चल रहा है और इस रमजान के महीने में पाकिस्तान के नागरिकों के लिए एक और बुरी खबर आ चुकी है. आपको बता दें कि पाकिस्तान में हज यात्रियों से शहबाज सरकार मोटा पैसा वसूल रही है.
कितना आ रहा खर्चा?
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने वाला है. ऐसे में देश चलाने के लिए उसे जनता पर टैक्स का ज्यादा बोझ डालना पड़ रहा है. आर्थिक समस्या को ध्यान में रखते हुए शहबाज सरकार ने पिछले साल के मुकाबले हज की यात्रा करने के लिए लोगों से 3.5 लाख (पाकिस्तानी रुपया) रुपये अधिक ले रही है. पहले हज की यात्रा के लिए पाकिस्तान सरकार लोगों से करीब ₹8 लाख 26 हजार वसूलती थी. वहीं इस साल कुर्बानी को छोड़कर हज यात्रियों को 11लाख 75 हजार चुकाने पड़ रहे हैं. कुर्बानी के साथ यात्रियों पर इससे भी ज्यादा बोझ डाला जा रहा है.
पाकिस्तान में डॉलर की कमी
पाकिस्तान की मीडिया की मानें तो अब मक्का में रहने का किराया 70 फीसदी बढ़ा दिया गया है, वहीं मदीना में रहने के लिए पहले करीब 37000 पाकिस्तानी रुपये लगते थे जिसे बढ़ाकर 78000 पाकिस्तानी रुपया कर दिया गया है. सूत्रों की माने तो पाकिस्तान में डॉलर की कमी हो चुकी है जिसके कारण राजनीति में बदलाव किया गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मुल्क की बदतर हालत के लिए राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
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