क्या North Korea से ताली बजाना सीख रही है Chinese Army? Xi Jinping के स्वागत का वीडियो देख उठ रहे सवाल
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तिब्बत यात्रा के दौरान चीनी सैनिकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इस स्वागत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है, जिसे देखने के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की याद आ जाती है. इसकी वजह है चीन के सैनिकों का एक लय में ताली बजाना.
बीजिंग: चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) हाल ही में तिब्बत (Tibet) की यात्रा पर गए थे. यहां उन्होंने राजधानी ल्हासा में सैन्य अधिकारियों से भी मुलाकात की. इस दौरान जिनपिंग के स्वागत में सैनिकों ने जिस तरह तालियां बजाईं, वो चर्चा का विषय बन गया है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया (Social Media) पर उपलब्ध है, जिसे देखकर लग रहा है कि चीनी सैनिकों ने ताली बजाने की खास ट्रेनिंग ली है और वो भी उत्तर कोरिया (North Korea) से.
Kim Jong-un के वीडियो से तुलना
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (North Korean Leader Kim Jong-un) का एक वीडियो कुछ वक्त पहले सामने आया था, जिसमें वह एक मीटिंग हॉल में दाखिल होते नजर आ रहे हैं. किम के हॉल में पहुंचते ही सैन्य अधिकारी खड़े होकर एक लय में ताली बजाना शुरू कर देते हैं. इस दौरान, किम भी ताली बजाते हैं. बिल्कुल यही नजारा चीनी राष्ट्रपति के तिब्बत दौरे में भी देखने को मिला.
PLA Officers ने एक लय में बजाई ताली
ट्विटर पर शेयर वीडियो में देखा जा सकता है कि शी जिनपिंग के स्वागत में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैन्य अधिकारी एक लय में काफी देर तक ताली बजाते हैं. किम की तरह जिनपिंग भी जवाब में ताली बजाते हैं. सैनिकों को एक जैसी लय में ताली बजाते देखकर लगता है कि उन्होंने अनुशासन के साथ इसकी प्रैक्टिस की है. अब इसे संयोग कहें या कुछ और कि जिनपिंग और किम दोनों ही क्रूर शासक हैं और अब उनकी सेनाएं भी एक जैसी ताली बजाने की आदत विकसित कर रही है.
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Tibet दौरे से खड़े हुए कई सवाल
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) बुधवार को तिब्बत पहुंचे थे. सत्ता संभालने के बाद ये जिनपिंग का पहला तिब्बत दौरा था. राष्ट्रपति तिब्बत के न्यिंगची शहर (Nyingchi City) भी गए थे, जो भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा (Arunachal Pradesh Border) से सटा हुआ है. इसके अलावा, जिनपिंग ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे विशाल बांध का निरीक्षण भी किया, जिस पर भारत आपत्ति जताता रहा है. चीनी राष्ट्रपति का अचानक इस तरह से तिब्बत पहुंचना कई सवाल खड़े करता है.