इस्लामाबाद: न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों (New Zealand & England Cricket Teams) का दौरा रद्द होने से पाकिस्तान (Pakistan) बौखलाया हुआ है. इस बौखलाहट का असर इमरान खान (Imran Khan) के मंत्रियों के दिमाग पर भी हुआ है. शायद इसलिए ही वो अजीबोगरीब बयानबाजी कर रहे हैं. पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद (Sheikh Rashid) का तो यहां तक कहना कि उन्होंने खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए न्यूजीलैंड की कुल फौज से ज्यादा सैनिकों को तैनात किया था.


‘वो दिन जल्द ही आएगा’


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‘दुनिया न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, गृहमंत्री शेख रशीद (Sheikh Rashid) ने दौरा रद्द करने के लिए न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को जमकर कोसा. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है, वो दिन जल्द आएगा जब विदेशी टीमें पाकिस्तान दौरे पर आएंगी. रशीद इस मुद्दे पर सरकार को निशाना बना रहे विपक्ष पर भी भड़के. उन्होंने कहा कि ये समय राजनीति करने का नहीं है. 


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Russia, US का दिया उदाहरण 


शेख रशीद ने अपने मुल्क को सुरक्षित बताते हुए कहा कि अगर न्यूजीलैंड की सेना के कुल सैनिकों को मिला दिया जाए, तब भी सुरक्षा में तैनात हमारे सैनिकों की संख्या ज्यादा होगी. उन्होंने पुराना राग अलापते हुए कहा कि यदि न्यूजीलैंड को सुरक्षा की चिंता थी, तो हमें पहले ही बता देना चाहिए था. इतना ही नहीं, रशीद ने सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान का बचाव करते हुए रूस और अमेरिका की घटनाओं का उदाहरण भी दे डाला.


फिर सामने आई Rashid की ‘बीमारी’


पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा कि हम ये पता लगा लेंगे कि न्यूजीलैंड की टीम को कहां से सुरक्षा संबंधी ईमेल आया था. शेख रशीद ने मीडिया से अफगानिस्तान के हालात पर भी बात की और इस दौरान भारत पर दोष लगाने की अपनी ‘बीमारी’ का भी प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहा है. हमारे मुल्क को बदनाम करने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं.   


क्या है पूरा मामला?


न्यूजीलैंड ने पहले वनडे से ऐन पहले अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था. इसके बाद इंग्लैंड ने भी पाकिस्तान आने से इनकार कर दिया है. इंग्लैंड की पुरुष और महिला टीमों को यहां का दौरा करना था.  इंग्लैंड की टीम 16 साल बाद पाकिस्तान दौरे पर आने के लिए राजी हुई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते उसने इस दौरे से अपने हाथ खींच लिए. दो देशों के इस तरह सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए दौरा रद्द करने की वजह से पाकिस्तान को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है.