होम वर्क से बचने के लिए ऐसी तिकड़म, बुलानी पड़ी पुलिस! सोशल मीडिया पर वायरल हुई बच्चे की कहानी
China News: बच्चे की शरारत चीनी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है जिसने अधिकतर यूजर्स को चौंकाया है. एक व्यक्ति ने कहा, ‘यह भेड़िया-भेड़िया चिल्लाने वाले लड़के का वास्तविक जीवन संस्करण है.’
World News in Hindi; चीन में में एक स्कूली बच्चे की होम वर्क से बचने की तिकड़म की कहानी सोशल मीड़िया पर ट्रेंड कर रही है. इस बच्चे ने कुछ एसओएस नोट्स पर ‘मेरी मदद करो’ का मैसेज लिखकर अपनी खिड़की से बाहर गिरा दिए. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के इस लड़के से जब पुलिस ने सख्ती से बात की तो उन्हें सारा माजरा समझ आया.
रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 3 सितंबर को दोपहर करीब 3 बजे की है जब लड़के की एक अज्ञात पड़ोसी ने एक इमारत की खिड़की से एक नोट नीचे गिरते हुए देखा. जैसे ही उसने इसे उठाया, उसने देखा कि यह मदद के लिए एक लिखित संदेश था.
बच्चे की पड़ोसी ने पुलिस को बुलाया
कुछ सेकंड बाद, उसी खिड़की से एक और नोट नीचे आया जिसमें पहले नोट जैसा ही संदेश लिखा था. लड़के ने नोट्स में लिखा था, ‘मेरी मदद करो.’ इन नोट्स को देख चिंतित पड़ोसी ने पुलिस को मदद के लिए बुलाया.
एक वायरल वीडियो क्लिप में, लड़के की पड़ोसी को पुलिस अधिकारियों को नोट सौंपते हुए देखा जा सकता है. पड़ोसी को उसी खिड़की के बगल में एक बच्चे को रोते हुए भी देखा, जहां से नोट गिर रहे थे. वायरल क्लिप में पड़ोसी कहती है, ‘मुझे डर था कि कुछ बुरा हुआ होगा.’
यह पूछे जाने पर कि क्या उसने उस फ्लैट में रहने वाले परिवार के बारे में कुछ भी अजीब देखा है, उसे बस इतना याद आया कि वह अक्सर भाई-बहन को नीचे एक साथ मौज-मस्ती करते हुए देखती थी.
बच्चे से जब पुलिस ने सख्ती से की पूछताछ
जब पुलिस ने लड़के का पता लगाया, तो उसने स्वीकार किया कि नोट्स एक शरारत थी और वह बस अपना होमवर्क करने से बचने की कोशिश कर रहा था,
लड़के से सख्ती से बात करने के साथ-साथ, अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि वह एसओएस अवधारणा के सही अर्थ और गंभीरता को समझे।
बच्चे की शरारत ने मुख्य भूमि के चीनी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है जिसने अधिकतर यूजर्स को चौंकाया है. एक व्यक्ति ने कहा, ‘यह भेड़िया-भेड़िया चिल्लाने वाले लड़के का वास्तविक जीवन संस्करण है.’ एक अन्य यूजर ने कहा, ‘मुझे यह नकारात्मक उदाहरण अपने बच्चों को दिखाना होगा.’