26/11 के गुनहगारों को PAK का सर्वोच्च सैन्य सम्मान दिलवाना चाहता था तहव्वुर राणा, दस्तावेज में खुलासा
26/11 Attacks: राणा के भारत प्रत्यर्पण को बुधवार को अमेरिका की एक अदालत ने मंजूरी दे दी है. कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की मजिस्ट्रेट जैकलीन चोलजियान ने बुधवार को कहा कि राणा को भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए.
Tahawwur Rana News: पाकिस्तानी मूल का तहव्वुर राणा 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद के दिनों में ‘बहुत निश्चिंत’ था और चाहता था कि मुंबई में इन हमलों को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान मिले. राणा के भारत प्रत्यर्पण को बुधवार को अमेरिका की एक अदालत ने मंजूरी दे दी है.
राणा की हमलों में संलिप्तता और उसके दोस्त तथा लश्कर आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के साथ संबंध के बारे में अमेरिकी अदालत में पेश ‘प्रर्त्यपण की स्थिति के प्रमाणन और प्रतिबद्धता के आदेश’ संबंधी दस्तावेज में यह खुलासा हुआ है.
हमले के बाद राणा पूरी तरह निश्चिंत था
दस्तावेज के अनुसार 25 दिसंबर, 2008 को ‘दुबई में राणा से मिलने वाले एक सह-साजिशकर्ता ने हेडली को एक ईमेल भेजकर पूछा था, ‘जो कुछ हो रहा है, उस पर (राणा की) कैसी प्रतिक्रिया है, वह डरा हुआ है या निश्चिंत है?’ अगले दिन हैडली ने जवाब दिया कि राणा ‘पूरी तरह निश्चिंत’ है और उसे भी शांत करने की कोशिश कर रहा है.’
इस दस्तावेज के अनुसार राणा ने सात सितंबर, 2009 को हुई बातचीत में हैडली से कहा था कि ‘मुंबई हमलों में मारे गये नौ लश्कर आतंकवादियों को निशान-ए-हैदर सम्मान दिया जाना चाहिए’ जो पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है.
दस्तावेज में यह भी उल्लेख है कि ‘राणा यह जानकर खुश था कि हैडली ने उसके उन पूर्व बयानों के आधार पर उसकी तारीफ की थी जिसमें उसने सह-साजिशकर्ता की तुलना एक प्रसिद्ध जनरल से की थी.’
कैलिफोर्निया की अदालत ने दी प्रत्यर्पण की अनुमति
कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की मजिस्ट्रेट जैकलीन चोलजियान ने बुधवार को 48 पन्नों का आदेश जारी किया और कहा कि 62 वर्षीय राणा को भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए.
‘राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए’
आदेश में कहा गया है, ‘अदालत ने इस अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और सभी दलीलों पर विचार किया है. इस तरह की समीक्षा और विचार के आधार पर अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए. अदालत अमेरिका के विदेश मंत्री को प्रत्यर्पण की दिशा में कार्रवाई करने के लिए अधिकृत करती है.’
(इनपुट - एजेंसी)