China की राजधानी Beijing की जनसंख्या में 19 वर्ष में पहली बार गिरावट, क्या हैं कारण?
Beijing News: . पिछली बार बीजिंग में जन्म से अधिक मौतें 2003 में हुई थीं, जब घातक गंभीर श्वसन सिंड्रोम (सार्स) का प्रकोप दक्षिणी चीन में उभरा और जिसने अंतत: दुनिया भर में 8,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया.
China News: चीन की राजधानी और दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक बीजिंग ने 19 वर्षों में पहली बार, 2022 में अपनी जनसंख्या में गिरावट देखी. एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया. आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए, सीएनएन की रिपोर्ट ने गुरुवार को कहा कि चीनी राजधानी की स्थायी निवासियों की आबादी 2021 में 21.88 मिलियन से गिरकर 2022 में 21.84 मिलियन हो गई.
इस बीच, बीजिंग में प्रवासियों की संख्या - जिनमें से कई शहर में काम खोजने के लिए अपने ग्रामीण घरों को छोड़ देते हैं - भी 2021 से 2022 तक गिर गई. पिछली बार बीजिंग में जन्म से अधिक मौतें 2003 में हुई थीं, जब घातक गंभीर श्वसन सिंड्रोम (सार्स) का प्रकोप दक्षिणी चीन में उभरा और जिसने अंतत: दुनिया भर में 8,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया.
चीन की राषट्रीय आबादी में भी गिरावट
आंकड़ों से पता चला है कि 2022 की गिरावट अपेक्षाकृत कम है, जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर प्रति हजार निवासियों पर -0.05 तक गिर रही है. इस बीच, चीन की राष्ट्रीय आबादी भी पिछले साल 1961 के भीषण अकाल के बाद पहली बार घटी है.
जनंसख्या में गिरावट के लिए कई कार जिम्मेदार
जनसंख्या में गिरावट के पीछे कई कारण जिनमें जिम्मेदार हैं. इनमें - 1980 के दशक में चीन द्वारा शुरू की गई एक-बच्चे की नीति के दूरगामी परिणाम (लेकिन बाद में इसे छोड़ दिया गया); चीनी युवाओं में विवाह और परिवार के प्रति बदलते दृष्टिकोण; चीन के महंगे शहरों में व्याप्त लैंगिक असमानता और बच्चों की परवरिश की चुनौतियां जैसे कारक शामिल है.
इन मुद्दों को उलझी हुई लैंगिक भूमिकाओं ने और बढ़ा दिया है. पारंपरिक रूप से अक्सर महिलाओं पर भारी मात्रा में घरेलू काम और बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी रही हैं – लेकिन अब वे पहले से कहीं अधिक शिक्षित और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं और इस असमान बोझ को सहन करने के लिए तेजी से अनिच्छुक भी हैं.
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