इस्लामाबाद: आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत के खिलाफ साजिश रचने का खामियाजा पाकिस्तान (Pakistan) को भुगतना पड़ रहा है. किसी जमाने में पाकिस्तान की मदद के लिए हमेशा खड़े रहने वाले सऊदी अरब (Saudi Arabia) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) उससे दूरी बना रहे हैं, जिसका सीधा फायदा भारत को हुआ है. इन दोनों मुस्लिम देशों के साथ भारत (India) के संबंध मजबूत हुए हैं और द्विपक्षीय व्यापार भी बढ़ा है. इसके अलावा, सबसे बड़ी बात यह है कि सऊदी अरब और UAE में अब भारतीयों को रोजगार के ज्यादा मौके भी मिल रहे हैं. 


Ban ने दिया दूरियों का संकेत


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UAE ने नवंबर के आखिर में पाकिस्तान (Pakistan) सहित 13 देशों के नागरिकों पर वीजा बैन लगाया था. इस बैन के कारण करीब 20 हजार पाकिस्तान यूएई में रोजगार गंवा चुके हैं और इसका सीधा फायदा भारतीयों को मिला है. खबरों के मुताबिक, इनमें से करीब 80 फीसदी जॉब भारतीयों को मिली हैं. वैसे, यूएई की तरफ से कई बार कहा गया है कि ये प्रतिबंध कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है, लेकिन जानकार इसे पाकिस्तान और UAE के बीच बढ़ती दूरी के तौर पर देख रहे हैं.


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छवि बदलना चाहते हैं खाड़ी देश


विशेषज्ञों का मानना है कि खाड़ी देश अब अपनी छवि बदलने की कोशिश में लगे हैं. वे खुद को केवल तेल निर्यातक और कट्टरवादी सोच रखने वालों के तौर पर प्रदर्शित करना नहीं चाहते. उनका ध्यान टूरिज्म, आईटी, जैसे क्षेत्रों पर भी है और इसके लिए भारत, इजरायल जैसे देशों के साथ अच्छे संबंध जरूरी हैं. यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि जब यूएई ने कोरोना का हवाला देकर पाकिस्तानी नागरिकों पर बैन लगाया, तब भारत में पाकिस्तान की तुलना में प्रति 10 लाख लोगों की आबादी पर कोरोना के ज्यादा मामले आ रहे थे. इसके बावजूद यूएई ने भारतीयों पर वीजा बैन नहीं लगाया. जो भारत के साथ उसके मधुर होते रिश्तों को दर्शाता है.


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Imran को छोड़नी होगी ये आदत 


पाकिस्तान के लिए यूएई और सऊदी अरब का दूर जाना बेहद नुकसानदायक है. पिछले साल नवंबर में इन दोनों देशों मे रहने वाले पाकिस्तानियों ने करीब 8.3 हजार करोड़ रुपये स्वदेश भेजे थे. दुनिया के सामने झोली फैलाने वाले पाकिस्तान के लिए यह राशि संजीवनी की तरह है. जानकारी के मुताबिक, पूरी दुनिया से पाकिस्तानी जितनी रकम अपने देश भेजते हैं उसका 65% खाड़ी देशों से आता है. यानी साफ है यदि इमरान खान ने अपनी भारत विरोधी आदत नहीं छोड़ी तो आने वाले दिन उनके लिए और भी बुरे होने वाले हैं.


Kashmir पर बयानबाजी से बिगड़ी बात
कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की हरकतों और बयानबाजी के चलते ही सऊदी अरब के साथ उसके रिश्ते खराब हुए हैं. दरअसल, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किया तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि सऊदी अरब और यूएई इसका विरोध करेंगे, लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. सऊदी अरब ने तो साफ कर दिया कि वो कश्मीर पर कुछ नहीं बोलेगा. इसके बाद पाकिस्तान के मंत्रियों ने सऊदी अरब के खिलाफ ही बयान दे डाले, जिसका नतीजा संबंधों में खटास के तौर पर सामने आया. अब स्थिति ये है कि पाकिस्तान सऊदी अरब के सामने रिश्ते सुधारने की भीख मांग रहा है, लेकिन उसे केवल दुत्कार ही मिल रही है.