चार महिलाओं की न्यूड परेड कराने के बाद अब PAK में ट्रांसजेंडर से हैवानियत, किया ये हाल
अपराधियों पर लगाम लगाने में इमरान खान सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है. चोरी के शक में चार महिलाओं से हैवानियत के बाद अब कराची में एक ट्रांसजेंडर से बलात्कार की खबर सामने आई है. अपराधियों ने पहले ट्रांसजेंडर को किडनैप किया फिर रेप के बाद मरने के लिए छोड़ दिया.
इस्लामाबाद: इमरान खान (Imran Khan) के ‘नए पाकिस्तान’ में कोई भी सुरक्षित नहीं है. चार महिलाओं के साथ हैवानियत की खबर के बाद अब ट्रांसजेंडर (Transgender) को निशाना बनाने की घटना सामने आई है. कुछ लोगों ने पहले ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता को अगवा किया फिर उसके साथ बलात्कार (Rape) कर उसे मरने के लिए छोड़ दिया. इस मामले में पुलिस के भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, सरकार ने जांच के आदेश देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. बता दें कि हाल ही में चोरी के शक में भीड़ ने चार महिलाओं की न्यूड परेड कराई थी.
घर लौटते समय किया Kidnap
‘ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसजेंडर महिला (Transgender Woman) के साथ ये वारदात कराची में हुई. पीड़िता सामाजिक कार्यकर्ता है और कामकाजी वर्ग की बस्तियों और बाजारों को ढहाए जाने से रोकने संबंधी मुहिम में शामिल होने वाली थी, जिसे कराची बचाओ तहरीक (KBT) ने आयोजित किया था. लेकिन इससे एक दिन पहले ही किडनैप (Kidnap) करके उसके साथ बलात्कार (Rape) किया गया. यह वारदात तब हुई जब ट्रांसजेंडर घर वापस लौट रही थी.
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Police पर लगाया ये आरोप
कराची बचाओ तहरीक (KBT) ने बताया कि कराची में 12 दिसंबर को पीपुल्स क्लाइमेट मार्च आयोजित किया गया था. इस संबंध में 11 दिसंबर को बैठक आयोजित की गई थी. बैठक के बाद जब ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता अपने घर वापस लौट रही थी, तभी उसे किडनैप किया गया. अपहरण के बाद उससे दुष्कर्म भी किया गया. केबीटी ने आरोप लगाया कि पुलिस पीड़िता के खिलाफ हिंसा में शामिल थी.
Report नहीं करना चाहती थी पीड़िता
जेंडर इंटरएक्टिव एलायंस (जीआईए) में हिंसा मामले की प्रबंधक शहजादी राय ने मीडिया को बताया कि केबीटी कार्यकर्ता बहुत डर गई है और वह शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती थी. वहीं, सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह के कार्यालय ने ट्वीट करके बताया कि CM ने मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस महानिरीक्षक को जांच करके रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. मानवाधिकार मंत्रालय ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि उसके समलैंगिक अधिकार विशेषज्ञ पीड़िता के अभिभावक के संपर्क में हैं.