WATCH: शहबाज शरीफ के एडवाइजर ने कबूला, पाकिस्तानी तस्कर भारत में ड्रग्स भेजने के लिए ड्रोन का कर रहे इस्तेमाल
India-Pakistan Border: पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रग्स का व्यापार बढ़ रहा है, जिससे भारतीय अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है. इस सप्ताह की शुरुआत में मंगलवार को, भारतीय पंजाब में पुलिस ने 3 किलोग्राम हेरोइन बरामद की, जो पाकिस्तानी तस्करों द्वारा ड्रोन का उपयोग करके भेजी गई थी।
India-Pakistan Border: एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने कैमरे पर स्वीकार किया है कि दक्षिण एशियाई देश में तस्कर सीमा पार से भारत में ड्रग्स भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. कसूर शहर में वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रक्षा मामलों के विशेष सहायक शहबाज शरीफ ने यह बात स्वीकार की.
मलिक मोहम्मद अहमद खान ने हामिद मीर द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'हां, और यह (तस्करी) बहुत डरावना है.' उन्होंने कहा, 'हाल ही में दो घटनाएं हुई हैं जहां प्रत्येक ड्रोन में 10 किलोग्राम हेरोइन बांधकर फेंक दी गई थी. एजेंसियां इसे रोकने की कोशिश कर रही हैं.'
यह पाक सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी का पहला बयान है जो ड्रोन का उपयोग करके पाकिस्तान स्थित तस्करों द्वारा ड्रग्स की तस्करी के संबंध में भारत द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि करता है.
पाकिस्तान से बढ़ रही है ड्रग्स की तस्करी
पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रग्स का व्यापार बढ़ रहा है, जिससे भारतीय अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है. इस सप्ताह की शुरुआत में मंगलवार को, भारतीय पंजाब में पुलिस ने 3 किलोग्राम हेरोइन बरामद की, जो पाकिस्तानी तस्करों द्वारा ड्रोन का उपयोग करके भेजी गई थी. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिन पर तब संदेह हुआ जब उन्हें उर्दू लिखा हुआ एक बैग ले जाते हुए पकड़ा गया.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, लुधियाना रेंज के आईजी कौस्तुभ शर्मा ने कहा कि वे जगराओं, सिधवां बेट और लुधियाना के अन्य क्षेत्रों में नशे की लत के शिकार लोगों को पैकेज देने जा रहे थे.
नशे का कारोबार आतंकवाद से कैसे जुड़ा है?
भारतीय अधिकारियों का दावा है कि भारत में अवैध नशीले पदार्थों के व्यापार से प्राप्त धन का उपयोग पाकिस्तान द्वारा पंजाब के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को वित्त पोषित करने के लिए किया जाता है.
इस साल मार्च में, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह (जम्मू-कश्मीर पुलिस) ने कहा, 'हमें एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जहां पाकिस्तान से ड्रग्स और हथियारों की एक साथ तस्करी की जाती है. जबकि हथियार आतंकवादियों को पहुंचाए जाते हैं, नशीली दवाओं की आय का बड़ा हिस्सा संचालकों (सीमा पार) को लौटा दिया जाता है और बाकी तस्करों द्वारा साझा किया जाता है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान में आतंकवाद को 'जीवित' रखने के लिए ड्रग्स का व्यापार जरूरी है.