China-India Business: भारत और चीन दो सबसे तेजी से विकास करने वाली एशियाई अर्थव्यवस्थाएं हैं. चीन-भारत में दुनिया के अन्य देश निवेश करें इसके लिए दोनों सरकारों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. उन्होंने हर तरीके से business-friendly वातावरण बनाकर पूंजीपतियों को अपने देश में निवेश करने के लिए आकर्षित किया है. जहां चीन ने बुलेट ट्रेन से सभी का दिल जीता है, वहीं भारत ने कई सैटेलाइट्स को लॉन्च कर पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया है. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से क्षेत्र हैं, जिनमें भारत चीन से आगे है.


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फाइनेंशियल सेक्टर (Financial Sector)


भारत और चीन दोनों ही प्रो मार्केट इकोनॉमी हैं. चाइना ने प्रो मार्केट की तरफ अपना पहला कदम 1978 में बढ़ाया था.  वहीं दूसरी तरफ इंडिया ने पहली बार 1991 में अपनी इकोनॉमी के बंद दरवाजे खोले थे. लेकिन अगर आज की बात की जाए तो इंडिया चीन के मुकाबले आर्थिक सुधारों में 15 साल आगे है. 


फार्मास्युटिकल सेक्टर (Pharmaceutical Sector)


भारत ने पिछले पांच साल में लैटिन अमेरिका को चीन से कहीं ज्यादा फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट किया है. IBEF रिपोर्ट के अनुसार 2016 में इंडिया ने 651 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था, जबकि चीन का एक्सपोर्ट 404 मिलियन डॉलर से आगे बढ़ नहीं पाया. कोरोना महामारी के साल में भारत के फार्मा एक्सपोर्ट 18 परसेंट तक बढ़ा और भारत ने 24.4 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया. 


स्पेस मिशन (Space Mission)


भारत ने अभी हाल ही में GSAT-24 का लॉन्च किया है जो पूरे इंडिया के DTH कवरेज के लिए भेजा गया है. इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट का कुल भार 4180 किलोग्राम है. ISRO ने EOS-4, जो अर्थ ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट है Sriharikota से लॉन्च किया. चाइना भी स्पेस मिशन में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इंडिया से सफल लॉन्चिंग में थोड़ा ही पीछे है.


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