China News: चीन विदेशों में रह रहे अपने उन अल्पसंख्यकों पर निगरानी रख रहा है जिन्होंने चीनी सरकार द्वारा उइगर, तिब्बती, राजनीतिक असंतुष्ट जैसों के दमन के खिलाफ आवाज उठाई. इतना ही नहीं विदेशों में रह रहे इन चीनी अल्पसंख्यकों को परेशान किया जा रहा है और इन्हें धमकियां दी जा रही है.


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नीदरलैंड में शरण लेने वाले चीनी अल्पसंख्यकों के खिलाफ धमकी के मामले सामने आने के बाद उइगर, मोरक्को, ईरानियों, तुर्क और तिब्बतियों के प्रतिनिधियों वाले गठबंधन के सदस्यों ने पिछले दिनों (20 अप्रैल) न्याय, सुरक्षा और सामाजिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक की.


दो पुलिस स्टेशनों को बंद किया गया
बैठक के दौरान तिब्बत सपोर्ट ग्रुप के सचिव त्सेरिंग जम्पा ने पूछताछ की कि क्या नीदरलैंड में चीनी पुलिस स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। इस पर नेशनल काउंटर टेररिज्म एंड सिक्योरिटी (NCTV) के समन्वयक ने उन्हें बताया कि रॉटरडैम और एम्स्टर्डम में दो चीनी पुलिस स्टेशनों को बंद कर दिया गया है.


बैठक में एक रिपोर्टिंग सेंटर स्थापित करने पर भी विचार-विमर्श किया गया, जहां धमकी देने वाले व्यक्ति नगरपालिका या पुलिस के माध्यम से रिपोर्ट कर सकते हैं.


केंद्र सरकार अब इस इनपुट का विश्लेषण करेगी और संबंधित विभागों के साथ आगे की कार्रवाई करेगा. साथ ही धमकी देने वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने पर भी विचार करेगी। सामाजिक मामलों का मंत्रालय इसी तर्ज पर योजना तैयार कर रहा है.


अमेरिकी सामने आए चीनी जासूसी ठिकाने
बता दें हाल ही मेंं अमेरिका में  कई गुप्त चीनी ठिकानों का पता चला था. न्यूयॉर्क पोस्ट (एनवाईपी) की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क शहर में एक चीनी 'पुलिस स्टेशन' का भंडाफोड़ करने के बाद अमेरिका ने छह और चीनी जासूसी ठिकानों की खोज की.


एफबीआई द्वारा सप्ताह के शुरू में दो कथित चीनी गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद मैनहट्टन में एक गुप्त चीनी ‘पुलिस स्टेशन’ को बंद करने में मदद मिली. लू जियानवांग (61) और चेन जिनपिंग (59) दोनों न्यूयॉर्क निवास हैं और चीन के एजेंट के रूप में कार्य करने, न्याय में बाधा डालने के लिए साजिश रचने जैसे आरोपों का सामना कर रहे हैं.  एनवाईपी के मुताबिक ऐसे कई और अवैध संगठन पूरे अमेरिका में फैले हुए हैं।


इससे पहले मैड्रिड स्थित एक मानवाधिकार समूह ने  पिछले साल दुनिया भर में फैले 100 गुप्त चीनी पुलिस स्टेशनों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी.  हालांकि, बीजिंग ने इन स्टेशनों को प्रवासी चीनी नागरिकों के लिए "सेवा केंद्र" बताया और उसने इन स्टेशनों को चलाने से इनकार किया.


(इनपुट - ANI)