History Of Paksitan: पाकिस्तान (Pakistan) का जो नाम आप आज सुनते हैं वो हमेशा से ये नहीं था. साल 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान का जो नाम रखा गया था वो 9 साल तक ही चल पाया था. पाकिस्तानियों ने 1956 में अपने देश का नाम बदल लिया था और इस्लाम (Islam) को अपने देश के धर्म के रूप में मान्यता दे दी थी. आपको जानकर आश्चर्य होगा पाकिस्तान शुरुआत से ही इस्लामिक रिपब्लिक (Islamic Republic) नहीं था. इसे बाद में डोमिनियम से इस्लामिक राष्ट्र बनाया गया. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों किया गया था. जबकि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि आप मंदिरों में जाने के लिए आजाद हैं. आप पाकिस्तान में अपनी मस्जिदों या किसी अन्य वर्शिप प्लेस पर जाने के लिए आजाद हैं. हम सभी सिटीजन हैं और एक देश के समान नागरिक हैं.


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9 साल तक था पाकिस्तान का दूसरा नाम


बता दें कि पाकिस्तान को साल 1947 में इंडियन सब-कॉन्टिनेंट में इस्लाम के मानने वालों यानी मुसलमानों के लिए एक अलग देश के तौर पर स्थापित किया गया था. 1947 में पाकिस्तान ब्रिटिश कॉमनवेल्थ में एक डोमिनियन बना. इसे तुरंत इस्लामिक राष्ट्र नहीं बनाया गया था. अगले 9 साल तक पाकिस्तान ब्रिटिश कॉमनवेल्थ का एक डोमिनियन बना रहा.


क्या कभी सेकुलर था पाकिस्तान?


हालांकि, फिर साल 1949 के ऑब्जेक्टिव रेजोल्यूशन में राज्य धर्म के तौर पर इस्लाम के खातिर एक ऑफिशियल भूमिका की परिकल्पना पेश की गई थी, पर राज्य ने सेकुलर ब्रिटिश कानूनी संहिता से विरासत में मिले अधिकांश कानूनों को बनाए रखा. इन्हें ब्रिटिश राज ने 19वीं शताब्दी के बाद से लागू किया था.


इस्लामिक रिपब्लिक बनने की कहानी


फिर आगे चलकर साल 1956 में पाकिस्तान ने संविधान को अपनाया. इस दौरान पाकिस्तान ने इस्लाम को राज्य का धर्म बनाया. इसके साथ ही पाकिस्तान एक इस्लामी गणराज्य बन गया और उसका नाम इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान हो गया. साल 1956 में, पाकिस्तान ने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान का नाम अपना लिया. इस्लाम को पाकिस्तान का आधिकारिक धर्म घोषित कर दिया गया.


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