न्‍यूयॉर्क: संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में हिस्‍सा लेने पहुंचे पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) से मुलाकात के बाद प्रेस से मुखातिब हुए. उन्‍होंने दुनियाभर के पत्रकारों के कश्‍मीर, आतंकवाद और पाकिस्‍तान से जुड़े सवालों के जवाब दिए. उस बीच जी न्‍यूज (ZEE NEWS) की संवाददाता अदिति त्‍यागी ने उनसे बार-बार सवाल पूछा लेकिन अनसुना कर दिया गया. अंत में अदिति ने आग्रह किया कि सर, भारतीय मीडिया से भी एक सवाल ले लीजिए लेकिन उनको अनसुना करते हुए इमरान खान प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर अचानक चले गए.


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से कहा कि भारत (India) को पाकिस्तान (Pakistan) से बातचीत करने में कोई संकोच नहीं है, लेकिन इसके लिए वह इस्लामाबाद (Islamabad) से कुछ ठोस कदम उठाने की उम्मीद करता है, जोकि अभी तक नहीं हुआ है. मोदी ने ट्रंप से यह भी कहा कि दुनिया में मुस्लिमों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी भारत में है और वैश्विक आतंकी गतिविधियों या कट्टरपंथ का रास्ता अख्तियार करने वालों में भारतीय मुसलमानों की संख्या 'काफी कम' है. इससे पहले ट्रंप ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंक पर भारत का समर्थन किया था और कहा था कि मोदी मामले से निपट लेंगे.


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विदेश सचिव विजय गोखले ने बाद में पत्रकारों से कहा, "प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि हमें पाकिस्तान के साथ बातचीत करने में कोई संकोच नहीं है, लेकिन इसके लिए हम पाकिस्तान द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद करते हैं और हमें पाकिस्तान की तरफ से ऐसे कदम उठाए जाने का कोई प्रयास होता नजर नहीं आता." मोदी और ट्रंप के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर लंबी बातचीत हुई.


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विदेश सचिव ने कहा, "प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बताया कि बीते 30 वर्षो में आतंकी घटनाओं में भारत में 42,000 लोगों की मौत हो गई और इसलिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह जरूरी है कि आतंक को मिटाने के लिए हम साथ मिलकर लड़ें."


उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने ट्रंप से कहा कि भारत में मुस्लिमों की सबसे बड़ी या फिर दूसरी सबसे बड़ी आबादी रहती है, जिनकी दुनिया में अन्य देशों के मुकाबले आतंकवादी घटनाओं में संलिप्तता या फिर कट्टरता का रास्ता अख्तियार करने का स्तर बहुत कम है. यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है जिसके बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानना चाहिए." वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इस्लामाबाद से बातचीत करने में कोई संकोच नहीं है.


गोखले ने बताया कि प्रधानमंत्री ने दिसंबर, 2015 के अपने लाहौर दौरे का जिक्र किया, जहां वह काफी कम सुरक्षा में गए थे, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही पठानकोट पर आतंकी हमले हुए और आतंकवादियों को अबतक सजा नहीं दी गई है. विदेश सचिव ने कहा कि मोदी और ट्रंप दोनों मानते हैं कि दोनों पक्षों को आतंकवाद से लड़ने के लिए साथ आना चाहिए.