सोलर सिस्टम के किस ग्रह पर इंसान कितने वक्त तक जिंदा रह सकता है?

Science News: पृथ्वी के अलावा सौर मंडल में और भी कई ग्रह हैं जिनकी चर्चा होती रहती है. लेकिन सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि इंसानों के लिए पृथ्वी से अच्छा ग्रह कोई नहीं है. पृथ्वी जैसी विविधता किसी भी ग्रह पर नहीं है. किसी अन्य ग्रह की तुलना में पृथ्वी पर जीवन निश्चित रूप से प्यारा है. आइये आपको बताते हैं दूसरे ग्रहों पर इंसान कितना वक्त गुजार सकता है.

गुणातीत ओझा Sat, 29 Jun 2024-6:27 pm,
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पृथ्वी के अलावा सौर मंडल में और भी कई ग्रह हैं जिनकी चर्चा होती रहती है. लेकिन सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि इंसानों के लिए पृथ्वी से अच्छा ग्रह कोई नहीं है. पृथ्वी जैसी विविधता किसी भी ग्रह पर नहीं है. किसी अन्य ग्रह की तुलना में पृथ्वी पर जीवन निश्चित रूप से प्यारा है. आइये आपको बताते हैं दूसरे ग्रहों पर इंसान कितना वक्त गुजार सकता है.

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साइंटिस्ट नील डीग्रास टायसन ने बिजनेस इनसाइडर से बातचीत में कहा कि अंतरिक्ष में बिना स्पेससूट के कहीं भी रहना विनाशकारी होगा. पृथ्वी के अलावा ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आप दो मिनट से ज़्यादा जीवित रह सकें.

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सूर्य की बात करें तो यह इंसान की शरीर को तुरंत जला देगा. भाप बनन में तनिक भी समय नहीं लगेगा. एक सेकंड से भी कम समय में यह जान ले लेगा.

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बुध यानी मरकरी भी रहने के लिए अच्छी जगह नहीं है. इसका सूर्य की ओर वाला भाग बेहद गर्म होता है (सबसे अधिक तापमान पर 800 डिग्री फ़ारेनहाइट/427 डिग्री सेल्सियस). इस ग्रह का दूसरा हिस्सा जमा देने वाला होता है. जहां सबसे कम तापमान  माइनस 290 डिग्री फ़ारेनहाइट/माइनस 179 डिग्री सेल्सियस तक होता है. यहां लगभग 2 मिनट में ही इंसान की जान निकल सकती है.

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शुक्र यानी वीनस का तापमान औसतन 482 डिग्री सेल्सियस होता है. एक सेकंड से भी कम समय में यहां जान नकिल सकती है.

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पृथ्वी के बारे में तो आप जानते ही हैं. यहां ऑक्सीजन, भोजन और पानी, और हमारे ग्रह को रहने योग्य बनाने वाली हर चीज की बदौलत आप यहां 80 साल तक अच्छी तरह से रह सकते हैं. या यूं कह लीजिए कि यहां आप अपनी पूरी उम्र बिता सकते हैं.

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मंगल यानी मार्स की बात करें तो यह ग्रह बहुत ठंडा है. लेकिन हवा बहुत पतली है, इसलिए ठंड की तीव्रता उतनी नहीं होगी जितनी कि पृथ्वी पर उस तापमान पर महसूस हो सकती है. यहां ऑक्सीजन सपोर्ट के बिना आप सिर्फ 2 मिनट ही बिता सकते हैं.

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बृहस्पति यानी ज्यूपिटर पर भी जीवन संभव नहीं है. यहां गैस का प्रभाव बहुत ज्यादा है इसलिए इसे गैसीय ग्रह भी कहा जाता है. यह एक सेकंड से भी कम समय में जान निकल सकती है.

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सैटर्न, यूरेनस और नेपच्यून का भी वही हाल है. यहां भी जीवन संभव नहीं है. इन ग्रहों पर बिना किसी सपोर्ट के एक सेकंड बिता पाना भी मुश्किल होगा.

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