Hathras Stampede: प्राइवेट आर्मी, डिजाइनर कपड़े-जूते; महंगे चश्मे और गोल्डन घड़ी, ऐसी है नारायण साकार की लाइफस्टाइल
Narayan Sakar Hari aka Bhole Baba Lifestyle: यूपी के हाथरस में नारायण साकार हरी उर्फ भोले बाबा के अनुयायी उनके पांव की धूल लूटने के लिए इस कदर पागल हुए की भगदड़ मच गई. इसके बाद लाशों का अंबार लग गया. हाथरस में भगदड़ कांड के बाद से नारायण साकार हरि लाइमलाइट में आया. कल तक गुमनाम इस बाबा के रहस्य धीरे-धीरे अब सामने आ रहे हैं. प्राइवेट आर्मी.. आश्रम में किलेबंदी.. डिजाइनर कपड़े और जूते.. महंगे चश्मे और गोल्डन घड़ी.. बाबा को लेकर ऐसी बातें सामने के बाद सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या बाबा धर्म के नाम पर धंधा चला रहा था.
बहरूपिया बाबा है कौन?
नाम एक.. पहचान कई.. कभी खुद को आईबी का अधिकारी बताता है.. कभी पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी.. कभी खबर आती है कि ये हेड कॉन्स्टेबल था.. तो भक्तों के लिए ये अराध्य है... लेकिन, यहां सवाल उठता है कि आखिर इसकी असलीयत क्या है?
बाबा की प्राइवेट आर्मी?
भोले बाबा के सत्संग का आयोजन जब भी होता है तो उनके सेवादारों की प्राइवेट आर्मी सत्संग की सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन, पार्किंग, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करती है. सेवादारों की आर्मी में महिलाएं भी शामिल होती हैं जहां भी कथा का आयोजन होता है वहां मैदान की सफाई का कार्य महिला सेवादारों के द्वारा किया जाता है. वहीं पुरुष हाथ में बैंत लेकर और सीटी बजाते हुए परिवहन और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं. ये फोटो बाबा के कासगंज में स्थित आश्रम की है. इस फोटो में गौर करने वाली बात है बाबा के आश्रम की भव्यता और इसकी किलेबंदी. इस कथित आश्रम के सारे गेट बंद रहते हैं और हर दरवाजे पर पहरा होता है.
बाबा कैसी सुरक्षा व्यवस्था?
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरी जहां भी जाता है, अपना काफिला लेकर घूमता है. बाबा के काफिले में पहले करीब दो दर्जन बाइक पर सवार लोग गुजरते हैं, इसके बाद फिर महंगी गाड़ियों का काफिला आता है और और फिर काफिले के पीछे और गाड़ियां भी होती हैं, जिनमें से किसी एक में बाबा होता है. कहने को तो ये एक धर्मगुरु हैं. लेकिन इनके साथ गुजरते काफिले को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनका रुतबा क्या है.
बाबा की लाइफस्टाइल
नारायण साकार हरी उर्फ भोले बाबा की लाइफस्टाइल ऐसी कि बड़े से बड़े रईसजादे भी शर्मा जाएं. ये बाबा गाड़ियों का काफिला लेकर चलने के साथ कपड़ों के लिए पर्सनल डिजाइनर्स की फौज रखता है. न बाकी धर्मगुरुओं की तरह बदन पर भगवा कपड़ा पहनता है और न ही उनकी तरह लाइफस्टाइल है. इससे उलट बाबा तो एकदम टिप टॉप अंदाज में रहता है. बाबा की ऐश ओ आराम वाली लाइफस्टाइल जीता है.
महंगे चश्मे और गोल्डन घड़ी
ऊपर से नीचे तक सफेद लिबास में रहने वाले नारायण साकार हरी को महंगे-महंगे चश्मों का शौक है. हमेशा इसके हाथ में गोल्डन घड़ी होती है. बताया जा रहा है कि बाबा के कपड़े और जूते विशेष रूप से डिजाइन होते हैं बाबा ने कपड़ों के लिए अलग से डिजाइनर रख रखा है.
भैतिक सुखों में लीन बाबा
बाबा का काफिला और बाबा का ये अंदाज आपको ये समझाने के लिए काफी है कि जो शख्स खुद को परमात्मा में लीन बताता है वो कैसे भैतिक सुखों में लीन रहता है. नारायण हरि उर्फ भोले बाबा के अनुयायी किस भगवान की पूजा करते हैं, इसका भी साफ साफ पता नहीं चल पाया है. आपको ये भी बता दें की भोले बाबा के समर्थक नमस्ते की जगह ‘परमपिता परमेश्वर की संपूर्ण ब्रहमांड में सदा सदा के लिए जयजयकार हो जयजयकार हो’ कहते हैं.
हाथरस में बिछ गई लाश
टिप टॉप अंदाज में रहने वाले भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरी हाथरस में अभी स्वैग के साथ समागम स्थल से निकल गए, लेकिन पीछे छोड़ गए एक ऐसी भीड़ जो उनकी भक्ति में इस कदर लीन थी कि उनके पांव की धूल जमा करने के लिए टूट पड़ी और देखते ही देखते वहां लाशें बिछ गईं.