US अपने JETs में लगा रहा दुनिया का सबसे मारक `अस्त्र`, नाम है Mako; चीन-रूस भी सहमे!
Lockheed Martin Mako: अमेरिका ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential election 20024) से पहले ऐसा फैसला लिया है, जिससे रूस (Russia) और चीन (China) समेत कई देश टेंशन में आ गए हैं. वार जोन हों या पीस जोन हर जगह उस फैसले की चर्चा हो रही है. क्योंकि अमेरिकी फौज अब अपने सभी फाइटर जेट्स और बॉम्बर एयरक्राफ्ट्स में हाइपरसोनिक मिसाइल Mako लगाने जा रहा है.
मौत का दूसरा नाम
अमेरिका अपने सभी फाइटर जेट्स और बॉम्बर एयरक्राफ्ट्स में हाइपरसोनिक मिसाइल Mako लगाने जा रहा है. चाहे वह कोई सा भी प्लेन या जेट क्यों न हो. उसका मिशन पूरा होते ही धरती के नक्शे का चप्पा-चप्पा अमेरिकी जंगी जेट्स की जद में आ जाएगा.
अमेरिका का ब्रहास्त्र
ये ऐसी मिसाइल है कि इसे रूस, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया का एयर सिस्टम रोक नहीं पाएगा.
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F-15, F-16, F-18, F-35, F-22 फाइटर जेट हों या B-1B, B-52, B-21 बॉम्बर. अमेरिकी फौज, US नेवी, नेवी सील कमांडो और यूएस एयरफोर्स अपने हर मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स में नई हाइपरसोनिक मिसाइल मेको लगाने जा रहा है. मेको मिसाइल किसी भी तरह के मिशन में और कहीं से भी इस्तेमाल की जा सकती है.
कीमत का खुलासा नहीं
Mako, इसे बनाया है लॉकहीड मार्टिन ने. इस मिसाइल को मल्टी-मिशन वेपन कहा जा रहा है. यह मिसाइल समंदर में, हवा, एयर डिफेंस सिस्टम पर, किसी भी तरह की सतह पर हमला करने में सक्षम है. इसके दाम का खुलासा अभी कंपनी ने नहीं किया है.
रूस-चीन की बढ़ी टेंशन
हैरानी इस बात की है कि अमेरिका ने इसे लगभग अपने फाइटर जेट्स, बमवर्षक और निगरानी विमानों में लगाकर टेस्ट कर लिया है. ये F-18 सुपर हॉर्नेट में लग सकती है. F-15 में लग सकती है. रूस और चीन एक तरह से पारंपरिक कहें या परिस्थितियोंवश भले ही एक दूसरे के नजदीकी हैं, फिर भी उनकी टेंशन भी बढ़ गई है. इसकी काट उनके पास है या नहीं इसे लेकर कोई अधिकारिक बयान फिलहाल पब्लिक डोमेन में नहीं है.
डिफेंस रिसर्च
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय हो या लॉकहीड मार्टिन दुनिया पर बादशाहत बनाए रखने के मकसद से उनकी R&D (Research and development) जारी है.