IAS Officers: ये हैं वो टॉप- 5 आईएएस ऑफिसर्स, जो समाज कल्याण के लिए कर रहे हैं असाधारण काम
आईएएस अधिकारियों को सरकारी योजनाओं का पथप्रदर्शक माना जाता है. कई आईएएस अधिकारी अपनी अहम जिम्मेदारियों को संभालने के अलावा अपने ब्लॉक और जिलों को स्वच्छ, सुरक्षित और विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं.
IAS आर्मस्ट्रांग पामे
2010 बैच के आईएएस अधिकारी को "मिरेकल मैन" के नाम से जाना जाता है. वह ज़ेमे जनजाति के पहले आईएएस हैं. वह मूल रूप से मणिपुर के तमेंगलोंग जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने मणिपुर को नागालैंड और असम से जोड़ने वाली के नाम से प्रसिद्ध 100 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई थी. खास बात यह है कि उन्होंने बगैर सरकारी वित्तीय सहायता के सड़क का निर्माण आम जनता और सोशल मीडिया के जरिए जुटाई गई राशि की मदद से किया गया था. उन्होंने इसके लिए अपनी सैलरी भी दी थी. साल 2015 में उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी पुरस्कार से नवाजा गया.
IAS अरुणा सुंदरराजन
IAS अरुणा सुंदरराजन अरुणा सुंदरराजन केरल कैडर की आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने केरल में ई-गवर्नेंस के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फोर्ब्स मैगजीन ने उन्हें 'एक आईएएस अधिकारी जो एक बिजनेसवुमन की तरह सोचती है' के तौर पर वर्णित किया है. वह केरल में आईटी सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी भूमिका के लिए जानी जाती हैं. अब यह कामकाजी महिलाओं के लिए महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल है.
IAS स्मिता सभरवाल
स्मिता सभरवाल मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त होने वाली पहली महिला आईएएस हैं, उन्हें "पीपुल्स ऑफिसर" के रूप में जाना जाता है. उन्हें वारंगल के नगर आयुक्त के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान "फंड योर सिटी" परियोजना के लिए जाना जाता है.
IAS अशोक खेमका
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले हैं. वह एक आईआईटियन हैं, जो 1991 में एक आईएएस अधिकारी के रूप में हरियाणा कैडर में शामिल हुए थे. वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने औऱ भूमि सौदे में अनियमितताओं को उजागर करने के लिए सबसे लोकप्रिय हैं. अपने अच्छे काम के पुरस्कार के रूप में खेमका को अपनी 23 वर्षों की सेवा में 45 स्थानांतरणों का सामना करना पड़ा है.
IAS हरि चंदना दसारी
आईएएस हरि चंदना दसारी 2010 बैच के तेलंगाना कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें हैदराबाद में उनकी 'हरित क्रांति' के लिए जाना जाता है. दसारी ने अपने विभिन्न कार्यकालों के दौरान पेट पार्क, शी टॉयलेट्स, शी मार्ट, फीड द नीड (जहां पूरे शहर में रेफ्रिजरेटर स्थापित किए गए हैं, ताकि दानकर्ता खाना वहां रख सकें और जरूरतमंद वहां ले सकें), गिव और साझा करें जैसी कई योजनाएं लागू की हैं.