चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने कहा है कि NDA सरकार की वजह से देश में कमजोर हो रहे संघीय ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए वह समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर संयुक्त रणनीति बनाएगा. 


15 जनवरी के बाद दिल्ली में सम्मेलन करेंगी पार्टियां


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पार्टी नेता प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा (Professor Prem Singh Chandumajra) ने कहा कि ये पार्टियां 15 जनवरी के बाद दिल्ली में एक सम्मेलन करेंगी. जिसका मुख्य फोकस संघवाद का विघटन और किसानों पर इसके प्रभाव के साथ साथ राज्यों की वित्तीय भलाई पर चर्चा करना होगा.


नीतीश कुमार से भी संपर्क करने की कोशिश


एक बयान में प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने देश में एकल व्यवस्था के खतरे को देखते हुए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है. इस कमेटी ने तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, आईएनएलडी, डीएमके तथा समाजवादी पार्टी से संपर्क किया है. अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. इसका उद्देश्य संविधान निर्माताओं की कल्पना के अनुसार संघीय ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए संयुक्त रूप से पहल करना है.


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प्रकाश सिंह बादल करेंगे सम्मेलन की अध्यक्षता


चंदूमाजरा (Professor Prem Singh Chandumajra) ने कहा कि क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इस मीटिंग का हिस्सा बनने पर सहमति जताई है. जिसे पांच बार मुख्यमंत्री रहे और शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के संरक्षक सरदार प्रकाश सिंह बादल संबोधित करेंगे. पहले यह मीटिंग 7 जनवरी को होनी तय की गई थी लेकिन सरदार बादल की अस्वस्थता के कारण इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है. शिरोमणी अकाली दल नेता ने कहा कि तीनों कृषि कानून पास करके केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों की शक्तियों में हस्तक्षेप किया है. ये कानून राज्यों की आर्थिक क्षमता को कमजोर करने के अलावा केवल कॉरपोरेट ग्रुपों की सहायता करेंगे.


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शिरोमणि अकाली दल केंद्रीकरण के खिलाफ


प्रोफेसर चंदूमाजरा (Professor Prem Singh Chandumajra) ने कहा कि राज्यों को केंद्र की दया पर नही किया जाना चाहिए. यही प्रवृत्ति पश्चिम बंगाल में देखी जा रही है, जहां राज्यपाल एक निर्वाचित सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं. हाल ही में पंजाब में भी राज्य सरकार को दरकिनार कर वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया था. उन्होने कहा कि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) इस प्रवृति के खिलाफ है और केंद्र सरकार के हाथों में शक्तियों के बढ़ते केंद्रीकरण के खिलाफ रोक लगाने के लिए एक समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने का प्रयास करेगा.


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