वाशिंगटन: ग्रीनकार्ड के लिए पहले से तय सभी देशों का कोटा खत्म करने से अमेरिकी श्रम बाजार में मौजूद भेदभाव खत्म होगा और साथ ही अमेरिका की नागरिकता पाने वालों में भारतीयों और चीनियों की संख्या बढ़ेगी. यह बात अमेरिकी संसद की एक हालिया रिपोर्ट में कही गई है. ग्रीनकार्ड गैर-अमेरिकी नागरिकों को स्थाई रूप से अमेरिका में रहने और वहां काम करने की अनुमति देता है. गौरतलब है कि मौजूदा आव्रजन नीति के तहत देशों के लिए ग्रीनकार्ड आवंटन में सात प्रतिशत कोटे से सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को हो रहा है जो अत्यधिक कुशल पेशेवर होते हैं और सामान्य तौर पर एच-1बी वीजा पर अमेरिका पहुंचते हैं.


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कांग्रेस की स्वतंत्र अध्ययन शाखा द्विदलीय संसदीय अध्ययन सेवा (सीआरएस) का कहना है कि यदि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड या कानूनी स्थाई निवासी दर्जा (एलपीआर) जारी करने में कोटा खत्म कर दिया गया तो इनके लिए भारतीय और चीनी नागरिकों के आवेदनों की लाइन लग जाएगी और उन्हें निपटाने में बहुत वक्त लगेगा. सीआरएस विभिन्न मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार करती है, ताकि सांसद पूरी जानकारी के आधार पर फैसले ले सकें.


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‘स्थाई रोजगार आधारित आव्रजन और देश आधारित कोटा’ शीर्षक वाली यह रिपोर्ट 21 दिसंबर, 2018 की है. तीन जनवरी से शुरू होने वाले कांग्रेस के नए सत्र से पहले इसकी एक प्रति पीटीआई को मिली है. गौरतलब है कि कई सांसद ग्रीन कार्ड और एलपीआर जारी करने में देश आधारित कोटे को खत्म करने संबंधी प्रस्ताव लाने का विचार कर रहे हैं.