नई दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर निधन हो गया. देश के साथ साथ दुनिया भर के मीडिया ने उन्हें उनके योगदान के लिए याद किया. अमेरिका के वॉशिंगटन पोस्ट ने उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद करते हुए लिखा, जिसने भारत को एक न्यूक्लियर पावर का दर्जा दिला दिया. वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, संसद में अपने पांच दशक पूरे करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी गठबंधन सरकार को पांच साल चलाने वाले पहले पीएम रहे. उन्होंने पूरी दुनिया को मई 1998 में तब चौंका दिया, जब उनके पीएम रहते भारत ने दो दिन में पांच परमाणु परीक्षण कर डाले. वॉशिंगटन पोस्ट ने उनकी स्पीच याद करते हुए लिखा, वाजपेयी ने कहा था, हम ये हथियार किसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करेंगे. हम अपनी रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.


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न्यूयॉर्क टाइम्स ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, अपने पचास साल के करियर में वह एक हिंदू नेशनलिस्ट पार्टी की पहचान बने रहे. लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने तो वह दुनिया की सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की राजनीति में फादर फिगर बन गए. न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी उन्हें परमाणु परीक्षण करने के लिए याद किया.


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बीबीसी ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए लिखा, गठबंधन की सरकार चलाने में भले उन्हें संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने उसे कामयाबी से पूरा किया. उनके परमाणु परीक्षण के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया. बीबीसी ने लिखा, उन्हें तब आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा, जब उन्होंने कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में देने का फैसला किया.


पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा, कवि अटल बिहारी वाजपेयी ने जर्नलिस्ट बनने के बाद राजनीतिक सफर शुरू किया. भारत में आज राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी का आधार उनके नेतृत्व में ही मजबूत हुआ.