Flat Registry: दिल्ली-एनसीआर में रहने का सपना हर किसी का होता है. इसके लिए जरूरी है कि सपनों का एक आशियाना है. राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एनसीआर में घरों की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार मूलभूत सुविधाओं में किए जा रहे बढ़ोतरी की वजह से आज हर कोई एनसीआर में रहना चाहता है. एनसीआर में खासकर इन दिनों नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बन रहे घरों की खरीदारी में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसकी वजह यूपी रेरा और राज्य सरकार की तरफ से प्रोजेक्टों की निगरानी और खरीदारों के हित में लिए गए फैसले भी हैं. पिछले दिनों खरीदारों की फ्लैट रजिस्ट्री की चल रही मांग भी अब पूरी होती हुई नजर आ रही है. 


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डेवलपर्स के एसोसिएशन क्रेडाई के वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कोविड महामारी से पहले रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी में थी. वहीं, इस संक्रमण की बीमारी ने इस सेक्टर पर व्यापक नकारात्मक असर भी पड़ा है. बिल्डर्स ने बैंकों से प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए, जो लोन लिया था, वह लगातार बढ़ता गया. इस दौरान आरबीआई के रेपो रेट में भी इजाफा देखा गया. इस वजह से कई बिल्डर्स के प्रोजेक्टों पर काम रुक गया. 



दिनेश कुमार गुप्ता, सचिव, क्रेडाई, वेस्टर्न यूपी 


इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार और बिल्डर्स ने मिलकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के अधीन कमेटी का गठन किया, जिसको नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने लीड किया. इस कमेटी ने रुके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रिपोर्ट दी, जिसके बाद रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी देखी गई.  


उन्होंने बताया कि इस समय अधिकतर प्रोजेक्ट अच्छे चल रहे हैं. कोविड-19 महामारी से पहले जहां 2 बीएचके घरों की डिमांड ज्यादा थी. वहीं, अब 3-4 बीएचके घरों की बिक्री में तेजी देखी जा रही है. एनसीआर क्षेत्र में अगले पांच वर्ष के दौरान इस सेक्टर में बूम देखने को मिलेगा. ग्रेटर नोएडा में बन रहा जेवर एयरपोर्ट तैयार होने की कगार पर है और अगले साल से इसका पहला रनवे शुरू हो जाएगा. इस रनवे के शुरू होने से इन क्षेत्रों में घरों की बहुत ज्यादा डिमांड बढ़ेगी. 


पिछले कुछ सालों से कई बिल्डर्स की परियोजनाएं लटक गईं. इसके बाद से लोग रेडी टू मूव घरों की तरफ रुख करने लगे, क्योंकि उनको डर था कि प्रोजेक्ट अगर रुके तो उनका पैसा डूब जाएगा. इस पर दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले के तीनों अथॉरिटी यानी कि नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण का ब्याज कई परिस्थिति जैसे कोविड महामारी के कारण इतना बढ़ गया कि वह 23-24 प्रतिशत तक पहुंच गया. अब इन परिस्थितियों पर बिल्डर्स का हाथ तो नहीं था. इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री से मिलकर ब्याज में छूट देने का आग्रह किया गया, जिसके बाद बनाई गई कमेटी द्वारा बीच का रास्ता निकाला गया. 


उनके अनुसार, जिन प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री का काम रुका हुआ था. इसको लेकर क्रेडाई, यूपी सरकार और प्राधिकरणों के बीच आम सहमति बन गई है. इसका फायदा अब सीधे तौर पर खरीदारों को मिलने जा रहा है. अगस्त माह में ही 5 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है और आने वाले महीनों में 20 हजार रजिस्ट्री होने की संभावना है.  


क्रेडाई सचिव ने बताया कि पूरे देश में अन्य मेट्रो सिटी के मुकाबले दिल्ली-एनसीआर रियल एस्टेट का सबसे बड़ा बाजार है और यहां अन्य क्षेत्रों के मुकाबले घरों की डिमांड में डबल ग्रोथ है. इसका कारण एनसीआर के क्षेत्र का दिल्ली के नजदीक भी होना है.