Psychological Tricks To Win An Arguments: कहते हैं जहां चार बर्तन होते हैं, वहां खटपट जरूर होती है. इसी तरह घर परिवार में लोग भले ही एक साथ रहते हैं, रिश्तों से जुड़े होते हैं, लेकिन सबसे विचार अलग होते हैं. हर इंसान अपने हिसाब से चीजों को सोचता और समझता है. कई बार ऑफिस में भी काम करते हुए कलीग्स कुछ ऐसी बातें छेड़ देते हैं जिसपर लोग अपना-अपना ज्ञान देने लगते हैं. इसी तरह घर समाज में भी होता है. 


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हालांकि आप ये सुनिश्चित करें कि आपकी पर्सनैलिटी ऐसी हो जिसको लोग सुनना और आपसे सीखना पसंद करें. कई बार लोगों से बहस लड़ाई में बदल जाती है और आपका लोगों पर बुरा इंप्रेशन पड़ता है. अगर आप किसी से बहस कर भी रहे है, तो उसे ऐसे हैंडल करें कि बहस जीतने के साथ उनका दिल भी जित लें. साथ ही वो आपसे बहस के दौरान कुछ न कुछ सीखकर ही जाएं. आज हम आपको कुछ ऐसी ही ट्रिक्स बताएंगे जिसकी मदद से आप आसानी से किसी का दिल जीत सकते हैं. ये हैं साइकोलॉजिकल ट्रिक्स जिनसे आप दूसरों को इंप्रेस भी कर सकते हैं और झगड़े से भी बच सकते हैं...


1. बॉडी पॉश्चर को सही रखें
इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आपकी किसी से बहस हो रही है, तो अपने बॉडी का पॉश्चर एकदम सही रखें. क्योंकि आपके बैठने-उठने के तरीके से आत्मविश्वास का पता लगता है. बहस के दौरान ज्यादा बॉडी पार्ट्स को हिल-डुला कर बात न करें. एकदम  नॉर्मल होकर सामने वाले की बातों का जवाब दें. साथ ही बहस को दौरान दूसरे से थोड़ी धूरी पर रहें. इससे आप कॉन्फिडेंस फील करेंगे. 


2. अपनी आवाज पर कंट्रोल
अक्सर आपने देखा होगा कि लोग बहस के दौरान अपनी बात को समझाने के लिए ऊंची आवाज में बात करते हैं. जो कि आपको लड़ाई की ओर ले जाता है. जब आप धीमी आवाज में बोलेंगे तो सामने वाला आपकी बातों को सुनेगा और समझेगा. 
साइकोलॉजिकल ट्रिक्स में बताया गया है कि सॉफ्ट वॉइस से लोग जल्दी इंप्रेस हो जाते हैं.  


3. झूठी बातों का ऐसे जवाब दें
लोगों की आदत होती है छोटी-छोटी बातों में झूठ बोल ही देते हैं. अगर आपको लगता है कि उस झूठ की बहस में कोई जरूरत नहीं थी, तो इसे हैंडल करने के लिए आप चुपचाप सामने वाले की आंखों में देखें. इससे झूठ बोलने वाला व्यक्ति अपनी बातों में हिचकिचाएगा और समझ भी जाएगा कि वो झूठी बातें कर रहा है.


4. इंसल्ट होने पर ये करें
ऑफिस हो या परिवार कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बोलने से पहले कुछ सोचते नहीं और आपकी बेइज्जती कर देते हैं. ऐसे में आप साइकोलॉजिकल ट्रिक को अपनाते हुए कुछ समय के लिए रुक जाएं और फिर उनसे धीरे से सवाल करें, कि जो वो कह रहे हैं, क्या वो सही है? आप उनसे कहें कि जो भी कहना है सामने कहें.