What is Mata Vaishno Devi Ropeway Project: अगर आप नए साल से पहले माता वैष्णो देवी की यात्रा करने का प्लान बना रहे रहे हैं तो अगले तीन दिनों तक आपको माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल श्री माता वैष्णो संघर्ष समिति ने आज से अगले 3 दिनों तक हड़ताल का ऐलान किया है. संघर्ष समिति की ये हड़ताल कटरा में बन रहे रोपवे प्रोजेक्ट के विरोध में हो रही है, जिसका निर्माण श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड करा रहा है.


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3 दिन की हड़ताल का ऐलान


दरअसल श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड कटरा से माता रानी के भवन तक रोपवे का निर्माण करा रही है. संघर्ष समिति का दावा है कि यह रोपवे बनने से उनका रोजगार छिन जाएगा. इस मुद्दे पर श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति और प्रशासन के बीच बैठक भी हुई. जिसमें कोई नतीजा नहीं निकाला और श्री माता वैष्णो संघर्ष समिति ने 3 दिन की हड़ताल का ऐलान कर कर दिया. 


सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे


इस दौरान रोपवे के खिलाफ प्रदर्शन होगा और कटरा के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. साथ ही कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर तक बनी दुकानें बंद रहेंगी. यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़े और पिट्ठू वाले हड़ताल पर रहेंगे. प्रदर्शनकारियों ने श्री माता वैष्णो संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी परेशानियों का समाधान नहीं निकाला गया तो उनकी ये हड़ताल और लंबे समय तक चलेगी.


वैष्णो देवी कटरा रोपवे प्रोजेक्ट क्या है?


आइए अब आपको बताते है कि माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए ये रोपवे कहां से कहां तक बन रहा है..और श्री माता वैष्णो संघर्ष समिति इसका विरोध क्यों कर रही है. दरअसल कटरा में ताराकोट मार्ग से सांझी छत तक रोपवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड इस प्रोजेक्ट का निर्माण करा रहा है. ये रोपवे प्रोजेक्ट करीब 12 किलोमीटर लंबा है. इस रोपवे प्रोजक्ट में करीब 250 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है. रोपवे प्रोजक्ट बनने से यात्रियों का समय और पैसे दोनों बचेंगे.


विरोध कर रहे स्थानीय आम लोग


हालांकि स्थानीय दुकानदार, पिट्ठू और पालकीवाले इस योजना का विरोध कर रहे है. उनका तर्क है कि रोपवे प्रोजेक्ट से उनकी आजीविका प्रभावित होगी. श्री माता वैष्णो संघर्ष समिति का कहना है कि रोपवे कटरा के बाजार को बायपास करेगा और यहां आने वाले तीर्थयात्री बाहर ही बाहर निकल जाएंगे. इससे यहां के दुकानदारों पर रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा. फिलहाल इस समस्या का अब तक कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल पाया है, जिसका खामियाजा अब नए श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ सकता है.