गणपति को पूजा में कभी ना चढ़ाएं ये चीजें, बुद्धि हो जाएगी भ्रष्ट, होगी मान-हानि!
Ganesh Puja Vidhi: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. बुधवार को गणपति की विधि-विधान से पूजा करना तीव्र बुद्धि, धन, सफलता देता है. वहीं पूजा में गलती मान हानि और धन हानि कराती है.
Wednesday Ganpati tips: भगवान गणेश को प्रथमपूज्य का दर्जा दिया गया है. गणपति बप्पा बुद्धि, धन, सफलता देने वाले देवता हैं. हिंदू धर्म में सभी चतुर्थी तिथि और बुधवार का दिन गणेश जी को ही समर्पित हैं. चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा करने और उनकी कृपा पाने के लिए विशेष शुभ माना जाता है. इन चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी कहते हैं. चतुर्थी का व्रत रखना कई संकटों, कष्टों से निजात दिलाता है, साथ ही गणेश जी की कृपा से जीवन में अपार सुख-समृद्धि मिलती है. इसलिए बुधवार और चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा करें, साथ ही पूजा में कुछ नियमों का पालन करें.
गणेश जी की पूजा में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- गणेश जी को प्रथमपूज्य कहा गया है, लिहाजा हर शुभ काम, पूजा-पाठ में पहले गणेश जी की पूजा होती है और इसके बाद अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. गणेश जी की पूजा मोदक और दूर्वा के बिना अधूरी है. लिहाजा जब भी गणपति की पूजा करें तो उन्हें मोदक और दूर्वा का भोग जरूर लगाएं. ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्ते गलती से भी ना चढ़ाएं. ऐसा करने से गणेश जी कुपित हो सकते हैं और उनकी नाराजगी बहुत भारी पड़ सकती है. गणपति को तुलसी चढ़ाना व्रत और पूजा को निष्फल कर देता है.
- ना ही गणपति के भोग में कभी भी तुलसी के पत्ते डालें. ऐसा करने से गणपति उस भोग को स्वीकार नहीं करते हैं. दरअसल, भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया था और अपनी पूजा में स्वीकार न करने की बात कही थी.
- इसी तरह गणपति को कभी भी चंद्रमा से जुड़ी चीजें न चढ़ाएं, जैसे- सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, सफेद फूल आदि. चंद्रमा ने गणेश जी का उपहास उड़ा दिया था, जिससे गणपति ने नाराज होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया था कि उनका सौंदर्य खत्म हो जाएगा. साथ ही कलंक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित होता है, यदि इस दिन चंद्रदेव के दर्शन किए जाएं तो जीवन में कभी न कभी मान हानि झेलनी पड़ती है.
- गणपति को कभी टूटे हुए चावल ना चढ़ाएं. हमेशा पूर्ण अक्षत का ही पूजा में इस्तेमाल करें. इसके अलावा मुरझाए हुए फूल और माला भी गणेश जी को अर्पित ना करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)