Chalisa Kab Padhne Chahiye: हिंदू धर्म में हर व्यक्ति रोजाना भगवान की पूजा-पाठ करता है. इससे वे अपने आराध्य के करीब महसूस करता है और उसे धन्यवाद देता है. पूजा-पाठ के दौरान कुछ लोग रोजाना चालीसा का पाठ करते हैं. अगर आप भी पूजा के दौरान चालीसा पढ़ते हैं तो कुछ नियमों के बारे में जानना बेहद जरूर माना गया है. चलीसा भगवान की पूजा करने की सबसे आसान विधि है हालांकि इसे सही तरीके से और सही दिन पढ़ना जरूरी है. अगर आप भी चालीसा पढ़ते हैं तो आइए जानते हैं इसे पढ़ने के कुछ नियम.


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चलीसा क्या है और इसे पढ़ने के लाभ


चलीसा में 40 छंद होते हैं या 40 चौपाइयां होती हैं. चालीसा पढ़ने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जिन लोगों को मंत्रों का ज्ञान नहीं है या उच्चारण में गलती होती है वे अपनी पूजा को सफल करने के लिए चालीसा का पाठ जरूर करें. 


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चालीसा का पाठ करने से सकारात्मकता आती है और मन और मस्तिष्क शांत रहता है और तनाव भी दूर होता है. इसके रोजाना पाठ से सुख-समृद्धि और धन-धान्य की कमी नहीं होती.  


चालीसा का पाठ करने से अपने आराध्य तक पहुंचना आसान हो जाता है. 


चालीसा का पाठ करने से पाप का बुरा प्रभाव कम हो जाता है.


चालीसा का पाठ मन को प्रभावित करता है इससे आत्मविश्वास बढ़ता है. निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है. 


चालीस कब देती है फल


जो व्यक्ति पूरे मन से अपने लक्ष्य को साधकर चालीसा का पाठ करता है उतने की ही जल्दी इसका प्रभाव दिखने लगता है. 40 दिनों तक लगातार 11 बार सुबह और शाम चालीसा का पाठ करने से सिद्ध हो जाती है. व्यक्ति जिस देवी-देवता की चालीसा का पाठ कर रहा है उनकी कृपा मिलने लगती है.


दुर्गा चालीसा के नियम


अगर कोई व्यक्ति दुर्गा चालीसा पढ़ता है तो सूर्योदय के समय स्नान करके साफ कपड़े पहन लें.  या 8 बजे से पहले स्नान करके एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां गुर्गा की तस्वीर स्थापित करें. उन्हें लाल फूल, रोली अर्पित करें मां के सामने घी का दीपक जलाएं. दुर्गा चालीसा के समय दुर्गा यंत्र की स्थापना शुभ रहता है. 


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नवरात्रि में खासकर दुर्गा चालीसा का पाठ बहुद फलदायी माना जाता है. जो व्यक्ति हर दिन दुर्गा चालीसा का पठ नहीं कर पाता उसे शुक्रवार के दिन इसका पाठ जरूर करना चाहिए.


शिव चालीसा के नियम


शिव चालीसा में 41 चौपाइयां और 3 दोहें है इसमें भगवान शिव की स्तुति की गई है. इसका पाठ तीन बार जरूर करना चाहिए. शिव चालीसा का पाठ जोर-जोर से करने से इसे सुनने वाले पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. माघ मास में इसका पाठ करना शुभ फल देता है. सोमवार के दिन इसका पाठ जरूर करना चाहिए. शिव चालीसा का पाठ करने के लिए मुख को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें. इसका पाठ 3,11 या 21 बार करें. शिव चालीसा के पाठ करते समय शंश नहीं बाजाता चाहिए. उन्हें तुलसी या केतकी के फूल न चढ़ाएं. भगवान शिव को हल्दी, सिंदूर और कुमकुम भी अर्पित न करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)