ग्रहों के राजा सूर्य और छठ मईया करेंगी सभी कष्ट दूर, छठ पूजा में किन बातों का रखना होगा ध्यान?
Chhath Puja Rules: दिवाली के बाद अब छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. उत्तर भारत से लेकर अमेरिका में भी लोग बड़े ही विधि-विधान से व्रत-पूजन करते हैं. ज्योतिषाचार्य शशिशेखर त्रिपाठी बता रहे हैं कि पूजा के समय भोजन, प्रसाद और साफ-सफाई का क्या महत्व होता है.
ज्योतिषाचार्य शशिशेखर त्रिपाठी: छठ पूजा भारतीय संस्कृति में एक अनोखा पर्व है, जो सूर्य देवता और षष्ठी देवी की आराधना का प्रतीक है. यह पर्व विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा पाने और उनकी ऊर्जा को अपने जीवन में आमंत्रित करने का अवसर है. धार्मिक मान्यता है कि इस पूजा से मनुष्य को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं. यहां हम छठ पूजा से होने वाले विशेष लाभों, इसके धार्मिक रहस्यों और षष्ठी देवी के साथ सूर्य देव के गहरे संबंध पर ध्यान केंद्रित करेंगे. वर्ष 2024 में यह पर्व 7 नवंबर गुरुवार के दिन मनाया जाएगा.
छठ मईया, जिन्हें षष्ठी देवी के रूप में भी पूजा जाता है, संतान, आरोग्य और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं. मान्यता है कि सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए छठ मईया की पूजा की जाती है, जिससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. सूर्य और छठ मईया का यह संबंध हमारी जीवन ऊर्जा और सकारात्मकता को मजबूत बनाने में सहायक है.
छठ पूजा से स्वास्थ्य और मानसिक शांति का लाभ
छठ पूजा में व्रत रहकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं. यह व्रत न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है. निराहार रहने से शरीर की सफाई होती है और मन की एकाग्रता बढ़ती है. इसके साथ ही सूर्य को अर्घ्य देने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जो मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है.
आध्यात्मिक लाभ और जीवन में संतुलन
छठ पूजा का उद्देश्य जीवन में संतुलन लाना है. सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने के साथ प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का भाव जागृत होता है. सूर्य की ऊर्जा के बिना जीवन असंभव है और हमें प्रकृति के सभी तत्वों का सम्मान करना चाहिए. छठ व्रत से एकाग्रता, संयम और मन की स्थिरता बढ़ती है, जो आध्यात्मिक जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण है.
विशेष सावधानियां
छठ पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है, ताकि पूजा के सभी नियमों का पालन सही तरीके से हो सके और इसका सम्पूर्ण लाभ प्राप्त हो.
- साफ-सफाई का ध्यान रखें. छठ पूजा में पवित्रता का विशेष महत्व है. पूजा स्थल और अर्घ्य देने के स्थान की सफाई आवश्यक है. अशुद्ध वातावरण में पूजा का प्रभाव कम हो सकता है.
- साधारण और शुद्ध भोजन का सेवन करें: इस दौरान लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन का सेवन न करें. पूजा के प्रसाद में भी शुद्धता और सादगी का ध्यान रखें.
- सूर्य को अर्घ्य देते समय ध्यान रखें: अर्घ्य देते समय सूरज की ओर सीधे न देखें, बल्कि पानी में उनके प्रतिबिंब को निहारें. यह सूर्य की शक्ति का आदर करने का प्रतीक है.
- पूजा के नियम न तोड़ें: छठ पूजा में जो भी नियम निर्धारित किए गए हैं, उनका पालन पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार करें.
- प्रसाद की पवित्रता पर विशेष ध्यान दें: प्रसाद तैयार करते समय साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है. इसे पूरी शुद्धता से तैयार करें और दूसरों को भी प्रसाद के प्रति आदर सिखाएं.
सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के उपाय
सूर्य देव की कृपा पाने के लिए नियमित सूर्य नमस्कार, प्रातःकाल उठकर सूरज को जल अर्पित करना और छठ व्रत का पालन करना लाभकारी माना जाता है. इसके अतिरिक्त, जीवन में नियमितता, अनुशासन और सकारात्मक सोच को बनाए रखने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. सूर्य देव हमारे आत्मबल और साहस के प्रतीक हैं इसलिए उनकी पूजा हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती है.
छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है; यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार करने का अवसर है. सूर्य देव और छठ मईया का यह संगम जीवन में आशा, सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है. इस पर्व का लाभ केवल पूजा करने तक सीमित नहीं है; यह जीवन में अनुशासन, संयम और संतुलन की प्रेरणा देता है, जो हमें आंतरिक रूप से सशक्त बनाता है.