Makar Sankranti 2024 ka Vahan: जब सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि पर जाते हैं तो उस काल को संक्रांति कहते हैं. इस प्रकार वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं. इनमें से कुछ संक्रांतियों को पर्व के रूप में मनाया जाता है. जब सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं. वर्ष 2024 में यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य, स्नान के साथ भगवान सूर्य की पूजा, उपासना का भी विशेष महत्व है. मकर संक्रांति के दिन केवल सूर्य ही नहीं उनके वाहन का भी बहुत महत्व है. हर साल भगवान भास्कर अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर मकर संक्रांति का योग लेकर आते हैं. इस साल मकर संक्रांति पर सूर्य देव अश्‍व यानी की घोड़े पर सवार होकर आ रहे हैं. 


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वाहन अश्‍व, उपवाहन होगा सिंह


सूर्य देव के हर एक वाहन पर आने का विशेष महत्व होता है. जो अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के संकेत देते हैं. इस बार की मकर संक्रांति में सूर्य देव अश्व वाहन पर आ रहे है,  जिनका उप वाहन सिंह है. पंचांगों के अनुसार मकर संक्रांति का स्वरूप इस वर्ष काले वस्त्र धारण किए हुए हैं जो सामान्यतः शनिदेव का प्रतिनिधित्व करते हैं. मकर राशि के स्वामी भी शनि है. 


मकर राशि वाले रखें ख्‍याल 


पौष मास की शुक्ल पक्ष की संक्रांति से मकर राशि के लोगों को अश्व की तरह मेहनत करते रहना होगा, तभी नतीजे मिलेंगे. साथ ही उन्‍हें सिंह के समान ऊर्जावान भी रहना होगा. मकर संक्रांति को एक देवी के रूप में भी पूजा जाता है जो माथे पर हल्दी का तिलक लगाए हैं और स्वर्ण आभूषण धारण किए हुए है. इस वर्ष गुरु की प्रधानता रहेगी इसलिए जिस भी कन्या का विवाह नहीं हो रहा है उन्हें हल्दी का तिलक लगाना है, इससे गुरु की कृपा प्राप्त होगी और विवाह जल्दी तय होगा. इसके साथ ही गुरू की प्रधानता होने से आपको ज्ञान रूपी आभूषण से सुसज्जित होने का प्रयास करना है. 15 जनवरी को विशेष दान पुण्य करने पर सूर्य के साथ ही शनि और गुरु की कृपा भी प्राप्त होगी, जिससे आपकी उन्नति के साथ आरोग्यता प्राप्त होगी.