Married Life Remedies: कहा जाता है कि शादी की जोड़ियां ऊपर से तय हो कर आती हैं. विवाह संस्कार सोलह संस्कारों में से एक पवित्र संस्कार माना जाता है. जिस तरह ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, उसी तरह से पति और पत्नी मिल कर परिवार की संरचना करते हैं. पति पत्नी के बीच का यह रिश्ता प्यार, विश्वास और समर्पण का माना जाता है और जहां पर दोनों के बीच यह चीजें मौजूद रहती हैं वहां जीवन बहुत ही सुखद और शांतिपूर्ण रहता है, किंतु यदि पति पत्नी के बीच नहीं पटती है तो जीवन तनावपूर्ण और कष्टकारी हो जाता है. 


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क्यों खराब हो जाता है दांपत्य जीवन
ज्योतिष में दांपत्य सुख का विचार सातवें स्थान से किया जाता है और इस स्थान की जिम्मेदारी शुक्र ग्रह को दी गयी है इसलिए जिसकी कुंडली में सातवें स्थान के स्वामी के साथ शुक्र की स्थिति ठीक होने पर व्यक्ति को दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है. कई बार देखा जाता है कि युवक युवती का विवाह तो सकुशल संपन्न हो जाता है किंतु देवी देवताओं और पितरों की विधिवत विदाई किए बिना ही दोनों अपने में मगन हो जाते हैं तो भी दांपत्य जीवन में कमी आती है. इसलिए विवाह होने के पहले देवी देवताओं और पितरों का आशीर्वाद लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है और विवाह सम्पन्न होने पर उनकी विदाई करना कभी नहीं भूलना चाहिए. 


 


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करें इन देवी-देवता की पूजा
यदि किसी के जीवन में दांपत्य सुख नहीं है, तो जिन ग्रहों के कारण इस सुख में बाधा आ रही है, उन्हें प्रसन्न करने के लिए दान करना चाहिए. सुहागिन महिलाओं को भगवान विष्णु की उपासना करते हुए उनसे दांपत्य सुख प्रदान करने की प्रार्थना करनी चाहिए. वहीं पुरुषों को शुक्र ग्रह की मजबूती का उपाय करना चाहिए. पुरुषों को देवी उपासना करनी चाहिए. पति और पत्नी दोनों मिल कर शिव और पार्वती मां के चित्र या प्रतिमा के सामने बैठकर दांपत्य सुख की प्रार्थना करें तो माता पार्वती और शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.    


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)