Neelam Kisko Pehanna Chaiye: जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव पाने के लिए रत्न पहनना शुभ माना गया है. रत्न शास्त्र में कुल 9 रत्नों का वर्णन मिलता है. सभी रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. अगर कुंडली में कोई ग्रह कमजोर है या फिर स्थिति सही नहीं है तो उससे संबंधित रत्न धारण कर सकते हैं. इसी के चलते आज हम शनि ग्रह का रत्न नीलम के बारे में बताने जा रहे हैं. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को जीवन में सुख, वैभव और धन-संपदा की कमी नहीं होती. हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी और विद्वान से जरूर सलाह लेनी चाहिए. आइए जानते हैं नीलम पहनने के नियम, नुकसान और फायदों के बारे में.


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नीलम धारण करने के फायदे
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नीलम धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
डिप्रेशन, मानसिक तनाव और स्ट्रेस से छुटकारा दिलाने में नीलम पहनना लाभदायक होता है.
कई लोगों को अक्सर घबराहट और अनजाना सा डर बना रहता है उन लोगों के लिए नीलम पहनना शुभ होता है.
जिय व्यक्ति पर शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो उनके लिए नीलम लाभदायक होता है.



किन राशियों के लिए होता है शुभ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ और मकर राशि के जातकों को नीलम धारण करना शुभ माना जाता है. वहीं, वृषभ और तुला राशि के लोग भी ये रत्न धारण कर सकते हैं. 



किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए?
कर्क, सिंह, मिथुन, कन्या, मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को नीलम अशुभ परिणाम देता है. रत्न शास्त्र के अनुसार अगर यह रत्न आपके लिए अनुकूल नही हैं तो आंखों में परेशानी शुरू हो जाती हैं. इसके अलावा शारीरिक कष्ट और दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं.


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नीलम पहनने के नियम
रत्न शास्त्र के अनुसार कम से कम 6 से 7 रत्ती का नीलम धारण करना शुभ माना जाता है.
शनिवार की शाम को आप नीलम धारण कर सकते हैं.
नीलम को सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है.
नीलम रत्न को हमेशा पंचधातु या फिर चांदी में जड़वाकर धारण किया जाता है.
अंगूठी को धारण करने से पहले गाय के दूध और गंगाजल में शुद्ध कर लें.


(Disclaimer: कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी भी ज्योतिषी या विद्वान की सलाह लेनी चाहिए. यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)