Premanand Maharaj Tips: अपने अच्छे कर्मों की गाथा दूसरों के सामने गाना कितना सही है और गलत, इसके बारे में प्रेमानंद जी महाराज से जानें.  दरअसल हाल ही में एक सत्संग के दौरान प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि क्या करने से व्यक्ति के कितनी भी मेहनत से किए गए पुण्यों का मिनटों में नाश हो सकता है! आइए विस्तार में इसके बारे में जानें.


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जानें कैसे पुण्यों का होता है चीर


प्रेमानंद जी ने बताया कि पुण्य चीर कैसे होते हैं, अभिमान भर कर अपने पुण्यों की चर्चा करने से. ध्यान देना वो वृंदावन गए थे सौ संतों को फिर रबड़ी और खीर पवाई और फिर उन्हें सौ सौ दक्षिण भी दी. उसके बाद एक एक सेब भी बांटे. संत महात्मा कह रहे थे जैसा तुमने आज पवाया वैसा तो आज तक पवाया ही नहीं. सब गया तुम्हारा जो तुमने किया था वो सब नष्ट हो गया तुम्हारा.


 



 


कभी अच्छे कर्मों की ना करें चर्चा


ध्यान देना बहुत संभलना, लुटेरे बहुत हैं. आप गए थे, अच्छा लगा होगा वृंदावन में. वहां क्या क्या हुआ जैसे ठाकुर जी हो गए वैसे सत्संग हो गए जनसाधन सभी के बारे में चर्चा कर दी. बस यहीं पर किसी को अपनी थैली ना पकड़ाओ वरना सब खत्म कर देगा वो. हां वो गए थे फिर ऐसा फिर वैसा. जबकि वहां गए थे तो उसकी चर्चा ना करें, गए थे तो चुप रहे और शांत रहे.


असत्य बातों की करें चर्चा


प्रेमानंद जी का मानना है कि जैसे हम अपनी असत्य गलतियों को कभी प्रकाशित नहीं किए तो फिर सत्य बातों को क्यों प्रकाशित करें. ये तो अच्छी बात है इसको छिपाओ. असत्य बातों को प्रकाशित करो. मेरे से नीच या गलत काम हो गया, हिम्मत है तो सभी को बोलो. कभी अपने सूत्रों को, अच्छे कार्यों को और भगवत कार्यों को प्रकाशित ना करें.


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कभी अहंकार से ना करें पुण्यों की चर्चा


प्रेमानंद जी का कहना है कि अपने पुण्यों की गाथा अपने अहंकार से जो करते हैं, उसका पुण्य पूरी तरह नष्ट हो जाएगा. कभी तुम खुद ये ध्यान देना. पता नहीं लोगों के दिमाग में क्या भरा रहता है गर्व कर के अपनी तपस्या अपने सूत्रों का वर्णन करने से तत्काल सब नष्ट हो जाते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)