Putrada Ekadashi Vrat Rules: हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. बता दें कि सावन माह में आने वाली एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. सावन की एकादशी में भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है. सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, संतान सुख की प्राप्ति होती है और बच्चों की तरक्की से जुड़ी सभी मुश्किलों का अंत होता है. इस दिन कुछ चीजों को घर लाना शुभ माना गया है. जानें इन चीजों के बारे में. 


सावन का चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत आज, व्रत के नियमों का पालन करने पर ही प्रसन्न होंगी मां पार्वती
 


पुत्रदा एकादशी के दिन घर ले आएं ये चीजें


पुत्रदा एकादशी के दिन घर में कुछ चीजों को लाना बहुत ही शुभ माना गया है. बता दें कि इस दिन चांदी से बना कछुआ, कामधेनु गाय की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, बांसुरी और मोरपंख आदि को घर लाने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं. इन चीजों को घर लाना बेहद कल्याणकारी माना गया है. मान्यता है कि ये चीजें भगवान विष्णु को बेहद प्रिय हैं और शुभता का प्रतीक मानी जाती हैं.  


ऐसे में अगर आप भगवान विष्णु से खुशियों की कामना करते हैं या फिर किसी प्रकार की समस्या से बाहर आान चाहते हैं, तो इस शुभ अवसर पर इन चीजों को घर जरूर लाएं. साथ ही, श्री हरि की विधिवत पूजा करें.  


Astro Tips: करियर में बेहिसाब सफलता पाने के लिए कभी भी कर लें ये अचूक उपाय, जल्द मिल जाएगा प्रमोशन लैटर!
 


पुत्रदा एकादशी पर बन रहे हैं ये शुभ योग 


हिंदू पंचांग के अनुसार 16 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. वहीं, इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से लेकर 03 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है.  इसके साथ ही अमृत काल सुबह 06 बजकर 22 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. 


इस दिन करें भगवान विष्णु के मंत्र का जाप
 
- ॐ हूं विष्णवे नम:


- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
   श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)