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Mangala Gauri Vrat Niyam: हिंदू धर्म शास्त्रों में सावन का महीना भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है. इस माह में की गई महादेव की उपासना भक्तों की सभी कामनाएं पूरी करती है. सावन में आने वाले सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, तो सावन के मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. सावन माह का हर मंगलवार मां पार्वती को समर्पित होता है. इस साल सावन में कुल 4 मंगला गौरी व्रत पड़रहे हैं. जिसमें से सावन का चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत आज 13 अगस्त को रखा जा रहा है. ऐसे में जानें मां पार्वती की कृपा पाने के लिए व्रत के नियम, पूजा विधि और मंत्र.
मंगला गौरी व्रत के नियम
आज का व्रत का संकल्प लें और संयमित रहें. इस दिन सिर्फ सात्विक आहार ही ग्रहण करें. इसके साथ ही मंगला गौरी व्रत के दौरान शरीर और मन की पवित्रता बनाए रखें. पूजा विधि का नियमपूर्वक पालन करें और ध्यानपूर्वक मंत्रों का जाप करें. अगर आप मंगला गौरी व्रत रख रहे हैं, तो काले और नीले रंग के कपड़े पहनने से परहेज करें. भगवान को भोग अर्पित करें और इसके बाद ही खुद ग्रहण करें. व्रत वाले दिन जरूरतमंदों और गरीबों को दान करना शुभ माना गया है. उनकी सेवा करें.
मंगला गौरी व्रत में करें इन मंत्रों का जाप
"ॐ श्री गौरी शंकराय नमः"
"ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं गौरी मंगला याय नमः"
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
अगर आप आज मंगला गौरी व्रत रख रहे हैं तो सबसे पहले आज सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इस मां गौरी का ध्यान करें और घर के मंदिर की साफ-सफाई करें. मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें. पूजा के लिए नैवेद्य, जल, चंदन, अक्षत, फूल, फल, धूप, दीप और वस्त्र तैयार करें. लाल रंग के वस्त्र और सुहाग का सामान मां पार्वती को अर्पित करें. इसके बाद मां गौरी की विधिविधान के साथ पूजा करें. बाद में घी का दीपक जलाएं और आरती करें. मां दौरी को पूजा की सामग्री अर्पित करें और मंगला गौरी की व्रत कथा सुनें. पूजा के बाद पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)