Rakhi Utarne ke Niyam: क्या राखी को सालभर हाथ में पहनना सही रहता है? जान लें ज्योतिष नियम, वरना बहुत पछताएंगे
Rakhi Utarne ke Niyam Kya Hain: क्या आप जानते हैं कि जिस तरह शुभ मुहूर्त देखकर ही राखी बांधी जाती है. उसी तरह राखी उतारने के लिए भी ज्योतिष नियम बने हुए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने पर घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है.
Rules for Removing Rakhi From Hand: देशभर में आज रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया. आज दोपहर डेढ़ बजे तक भद्रा लगी थी, जिसकी वजह से बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाई. जब भद्रा काल खत्म हुआ तो बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक करके उन्हें राखी बांधी. वहीं भाइयों ने बहनों को भेंट देकर आजीवन उनकी सुरक्षा का वचन दिया. ज्योतिषविदों के मुताबिक, जिस तरह शुभ मुहूर्त देखकर राखी बांधी जाती है, उसी तरह राखी बांधे रखने की मियाद के बारे में भी शास्त्रों में नियम बताए गए हैं. अगर हम उस अवधि से ज्यादा समय तक राखी बांधते हैं तो घर में अपशकुन होने लगते हैं.
कम से कम कब तक पहनें राखी?
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक हाथ में राखी बंधने के बाद कम से कम उसे 24 घंटे यानी पूरे एक दिन उसे धारण किए रखना चाहिए. इससे पहले राखी उतार देने से भाई और बहन, दोनों को इसके शुभ लाभ नहीं मिलते हैं. देश के कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी तक राखी बांधने की परंपरा है. आप भी चाहें तो इसका पालन कर सकते हैं, हालांकि यह शास्त्रीय नियम नहीं है.
राखी को कब तक कर सकते हैं धारण?
आप राखी को कब तक हाथ में पहने रख सकते हैं, यह सवाल हममें से कई लोगों को परेशान करता है हालांकि शास्त्रों में इससे जुड़ा विधान बताया गया है. ज्योतिषविदों के मुताबिक हाथ में बंधी राखी को पितृपक्ष शुरू होने से पहले अनिवार्य रूप से उतार देना चाहिए. ऐसा न करने पर वह अशुद्ध हो जाती हैं, जिसका गलत असर पूरे परिवार पर पड़ता है. लिहाजा ऐसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए वरना घर में वास्तु दोष लगने का खतरा बढ़ जाता है.
हाथ से राखी उतारने के बाद क्या करें?
हाथ से राखी उतारने के बाद उसका क्या करना चाहिए. यह भी एक अहम सवाल है, जिसका जवाब हम सभी को पता होना चाहिए. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार राखी उतारने के बाद उसे कूड़ेदान या सड़क पर नहीं फेंकना चाहिए. इसके बजाय उसे नदी, साफ तालाब या नहर में प्रवाहित कर देना चाहिए. अगर आसपास ये चीजें न हों तो पीपल- बरगद जैसे पवित्र पेड़ को वह राखी बांध देनी चाहिए. यह पेड़ भी न मिलें तो साफ मिट्टी में गड्ढा खोदकर राखी को दबा देना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)