Vastu Tips to improve Husband Wife Love: वैवाहिक जीवन में यदि सुख न हो तो सात जन्मों तक साथ देने का वादा करने वाले लोगों के लिए भी यह रिश्ता बोझ बन जाता है. एक समय के बाद भी स्थिति सही नहीं होने पर लोग अलग होना ही उचित समझते हैं. यदि आप एक संयुक्त परिवार का हिस्सा है, तो न केवल आप बल्कि आपका परिवार और खासतौर पर संतान भी इससे प्रभावित होती है. दांपत्य जीवन में बिगड़े तालमेल में सुधार के लिए आपसी संवाद के साथ उसे वास्तु से जुड़ी बातों पर भी कुछ गौर करना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार दाम्पत्य सुख में कमी, पति-पत्नी में मनमुटाव, कलह, विवाद, आपसी झगड़े समेत दाम्पत्य संबंधों में बिखराव का मूल कारण घर में नेगेटिव एनर्जी की अधिकता होती है. यह नेगेटिव एनर्जी वास्तु के मूलभूत सिद्धांतों की अनदेखी से पैदा होती है. आइए जानते है कुछ आसान से वास्तु उपायों को जिनका प्रयोग करके दांपत्य जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पति-पत्‍नी के लिए वास्‍तु उपाय 


- घर के ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व में पति-पत्नी साथ बैठकर पूजा करें तो दोनों के बीच संबंधों में मधुरता आती है. 


- पत्नी संध्या के समय तुलसी के पौधे के समक्ष दीपक जलाएं, ऐसा करने से घर की नकारात्मक शक्तियां कम होंगी.  


- मकान के प्रत्येक कमरे में ईशान कोण को हमेशा साफ सुथरा रखें, खासकर शयन कक्ष में  सफाई व पवित्रता बहुत जरूरी है. 


- दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि की है, इसलिए यहां पानी का स्रोत जैसे सिंक,नल, कपड़ों की धुलाई जैसे कार्य नहीं किए जाने चाहिए इसके विपरीत कार्य करने पर यह दांपत्य जीवन में कटुता व ह्रास का एक बड़ा कारण बन सकता है.


- दक्षिण-पश्चिम अर्थात नैऋत्य दिशा में स्थित कोने में बने कमरों का शयन कक्ष के रूप में इस्तेमाल करें. इससे पति पत्नी के बीच प्रेम व सौहार्द्र बढ़ता है. घर में आराम से सोने के लिए दक्षिण एवं नैऋत्य कोण अधिक उपयुक्त रहता है.


- बेडरूम में बेड को इस तरह बिछाएं, ताकि उस पर दोनों ओर से पहुंचा जा सके और पत्नी बायीं ओर सोए तो और भी उत्तम है.


- सूखे पत्ते, कांटेदार पौधे, सफेद और काले रंग की चेकदार जैसी प्रिंट की चादर का प्रयोग करने से बचें. लाल और हल्की गुलाबी रंग की बेडशीट का चुनाव करना चाहिए.


- भूलकर भी बेडरूम में एक्वेरियम न रखे, अन्यथा किसी तीसरे की वजह से झगड़े होने की आशंका रहती है.  


- यदि  कपल्स के बीच सहयोग की भावना कम हो तो उन्हें उत्तर और पश्चिम के बीच वायव्य दिशा में सोना चाहिए, इससे दोनों के बीच एक अच्छा बॉन्ड क्रिएट होता है, अंडरस्टैंडिंग भी धीरे धीरे बेहतर होने लगती है.