Ayodhya Dham: प्राचीन काल में अयोध्या को पुरी कहा जाता था और यह सप्तपुरियों यानीअयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांची, अवंतिका, द्वारिका में से एक है. अयोध्या और मथुरा के बारे में तो सभी को मालूम है जबकि हरिद्वार का प्राचीन नाम मायानगरी था. काशी वाराणसी का ही नाम है, कांची तमिलनाडु के कांचीपुरम और वहीं, अवंतिका उज्जैन को कहा जाता है. द्वारकापुरी गुजरात में है. इन पुरियों को मोक्ष धाम भी कहा जाता है क्योंकि इन पवित्र स्थानों पर जाने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती थी. 


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प्राण प्रतिष्ठा की चल रही तैयारियां


 


अयोध्या में रामलला के जन्म स्थान पर अब विशाल राम मंदिर का निर्माण हो रहा है जहां पर राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी. इस कार्यक्रम को लेकर अयोध्या को आधुनिक तरीके से सजाया संवारा जा रहा है ताकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले देश और विदेश के मेहमान त्रेतायुग की कल्पना कर सकें. 


 


अयोध्या से अयोध्या धाम हुआ नाम


 


इन्हीं तैयारियों में अयोध्या को अब अयोध्या धाम का नाम दिया गया है. वास्तव में धाम उस स्थान को कहते हैं जहां किसी देवता का वास हो यानी वह देव स्थान हो, अब अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ ही बाल्यकाल से लेकर राजा रामचंद्र के रूप तक की भव्य झांकियां रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा और वहां से रामलला के मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गों को सजाया गया है, रास्ते से गुजरने वाले लोग महाराजा दशरथ के महल में घुटनों के बल चलने वाले बालक राम से लेकर रावण सहित विशाल और बलशाली राक्षसों का संहार करने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जीवन की उन अलौकिक घटनाओं का साक्षात्कार कर सकें जो त्रेतायुग में हुई थी. 


 


धाम किसे कहा जाता है


 


पवित्र स्थानों को ही धाम कहा जाता है जैसे अमरनाथ धाम जहां पर स्वयं भोलेनाथ ने मां पार्वती को दीक्षा दी थी, माना जा रहा है वर्तमान समय में मंदिर निर्माण के इस ऐतिहासिक कार्य को पौराणिक संदर्भ से जोड़ते हुए अयोध्या नगर के साथ अब धाम शब्द जोड़ा गया है ताकि वहां की पौराणिकता और धार्मिकता का अनुभव किया जा सके.