Badrinath Dham 2024 ke kapat band hone ki tarikh: अगर आप भगवान बद्रीनाथ के दर्शनों के लिए जाना चाहते हैं तो जल्द से जल्द प्लान कर वें वरना अगले 10 दिनों में बद्रीनाथ जी के कपाट बंद हो जाएंगे. श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) इस साल शीतकाल में बद्रीनाथ जी के कपाट बंद होने की घोषणा कर चुकी है. समिति के घोषणा के मुताबिक इस साल 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बद्रीनाथ जी के कपाट विधि विधान के कपाट साथ बंद होंगे.


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जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में होगी पूजा


बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि कपाट बंद होने की तिथि दशहरे के अवसर पर तय की गई. यह तिथि श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग की गणना करने के पश्चात तय की गई. बद्रीनाथ जी के कपाट होने के बाद उनकी डोली जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में चली जाएगी और अगले 6 महीने तक श्रद्धालु वहीं पर दर्शन कर सकेंगे. 


13 नवंबर से शुरू होगी पंच पूजाएं


मंदिर समिति के अनुसार, बद्रीनाथ नाथ मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया 13 नवंबर से शुरू होगी. उस दिन से मंदिर में पंच पूजाएं शुरू हो जाएंगी. इसमें सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा होगी और उसके पश्चात उनके मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. अगले दिन यानी 14 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर परिसर में बने शंकराचार्य मंदिर और आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे. 


16 नवंबर को मां लक्ष्मी को भोग


पूजा के तीसरे दिन यानी 15 नवंबर को वेद ऋचाओं का वाचन और खडग - पुस्तक पूजन बंद हो जाएगा. 16 नवंबर को मंदिर में मां लक्ष्मी को कढाई भोग अर्पित किया जाएगा. इसके बाद 17 नवंबर को दिन भर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के बाद रात 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. 


श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 को बंद


अगले दिन 18 नवंबर को भगवान बद्री विशाल की डोली पूरे विधि विधान के साथ जोशीमठ में बने नरसिंह मंदिर ले जाकर स्थापित की जाएगी. उनके साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री कुबेर जी, उद्धव जी की डोली भी जोशीमठ की ओर प्रस्थान करेंगी. कपाट बंद होने की प्रक्रिया में बद्रीनाथ मंदिर के रावल और BKTC के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. वहीं श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हों जाएंगे.


केदार, गंगोत्री-यमुनोत्री के हो चुके हैं बंद


बताते चलें कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट हर साल नवंबर में शीतकाल के लिए बंद हो जाते हैं. इस दौरान उनकी डोली विधि विधान के साथ निचले स्थानों पर आ जाती है और वहीं पर उनकी पूजा जारी रहती है. इस साल बद्रीनाथ जी को छोड़कर बाकी सब मंदिरों के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं. ऐसे में श्रद्धालु अब कपाट बंद होने से पहले बद्रीनाथ जी के धाम की ओर दौड़ लगा रहे हैं, जिससे वे उनके कपाट बंद होने से पहले ही दर्शन कर सकें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)